भाजपा की नफरत की राजनीति होगी समाप्त

आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिला तृणमूल अध्यक्ष सह मेयर सह पांडवेश्वर के विधायक जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि जिलाध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिकता हार के कारणों की पहचान कर उन्हें दूर करना तथा हिंदूत्व के नाम पर भाजपा की नफरत की राजनीति को समाप्त करना है.एक विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि पार्टी में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2019 6:36 AM

आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिला तृणमूल अध्यक्ष सह मेयर सह पांडवेश्वर के विधायक जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि जिलाध्यक्ष के रूप में उनकी प्राथमिकता हार के कारणों की पहचान कर उन्हें दूर करना तथा हिंदूत्व के नाम पर भाजपा की नफरत की राजनीति को समाप्त करना है.एक विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि पार्टी में पहले से ही एकजुटता है तथा आनेवाले समय में तृणमूल राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में अपने को और अधिक स्थापित करगी.

आसनसोल संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी मुनमुन सेन की हार के कारणों के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान ममता बनर्जी ने विभिन्न स्त्रोतों से उनकी शिनाख्त की है. इसी क्रम में शनिवार को कोलकाता में पार्टी की बैठक भी हुई थी. उन्होंने कहा कि इस संसदीय चुनाव में पार्टी में कोई मतभेद या गुटबाजी नहीं थी.
इसी का परिणाम था कि पार्टी को वर्ष 2014 की तुलना में एक लाख मत अधिक मिले. पहली बार मतदान कर रहे युवक-युवतियों ने भी पार्टी को समर्थन दिया. आनेवाले समय में यह एकजुटता और अधिक मजबूत होगी.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हिंदूत्व के नाम पर नकारात्मक राजनीति कर राज्य की जनता को नफरत के माहौल में ले जाने का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि मां-माटी-मानुष की सरकार ने हिंदुओं के हित में जन्म से लेकर मौत तक के दौरान कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है. सरकार ने हिंदुओं के लिए जितना किया है, उतना किसी अन्य राजनीतिक पार्टी ने नहीं किया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की परिभाषा में वह व्यक्ति हिंदू नहीं है जो सर्व-धर्म-सद्भाव में विश्वास करता है. उसके लिए हिंदू का मतलब मुसलमानों से नफरत करना है. उसने राज्य या देश में हिंदुओं के लिए कोई कार्य नहीं किया है.
सिर्फ नफरत फैलाई है. इसी नफरत के कारण मौजूदा समय से लेकर भविष्य तक विषाक्त माहौल बन रहा है. आनेवाली पीढ़ी भी इससे प्रभावित होगी. कोयलांचल भाईचारे का इलाका है. उनकी प्राथमिकता इस नफरत को समाप्त कर सौहार्द का परिवेश बनाना है.
श्री तिवारी ने कहा कि संसदीय चुनाव में पार्टी की प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में बढ़ा है तथा आनेवाले समय में इसे बढ़ा कर 55 फीसदी से अधिक ले जाना है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी वरीय नेताओं तथा जन प्रतिनिधियों से उन्होंने मुलाकात की है. इस मुद्दे पर सभी एकमत है.
उन्होंने कहा कि चुनाव में हार के कारणों के मुद्दे पर वे अपने कर्मियों तथा समर्थकों से लगातार मिल रहे हैं. सोमवार को दुर्गापुर में जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी. सभी से हार के कारणों, उसके समाधान तथा पार्टी को जन-जन तक ले जाने के रास्ते पर चर्चा की जायेगी. आनेवाले तथ्यों से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया जायेगा.
उन्होंने कहा कि पार्टी कर्मियों के लिए पार्टी सुप्रीमो सुश्री बनर्जी आदर्श हैं. राज्य में उनके अनुयायियों तथा प्रशंसकों की संख्या काफी अधिक है. इनमें से एक तबका ऐसा भी है जिसने तृणमूल के पक्ष में मतदान नहीं किया है. ऐसी सभी जनता को पार्टी से जोड़ने तथा उनके आदर्शों के अनुशरण की दिशा में जो कर्मी सबसे अधिक कार्य करेगा, वह उतना ही अधिक प्रतिवद्ध कार्यकर्त्ता होगा. उन्होंने कहा कि जून माह के पहले सप्ताह से ही 21 जुलाई के कोलकाता मार्च की तैयारी शुरू हो जायेगी तथा इसमें पूरी पार्टी सक्रिय रहेगी.

Next Article

Exit mobile version