हजारों चुनाव कर्मियों को पोस्टल बैलेट पेपर नहीं मिलने से मताधिकार से वंचित, आक्रोश

पानागढ़ : 29 अप्रैल को चौथे चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान के बीत जाने के वाबजूद चुनाव में भाग लेने वाले चुनाव कर्मियों का अबतक पोस्टल बैलेट नही भेजे जाने से चुनाव कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. पानागढ़ बाजार हिंदी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि 29 अप्रैल को चौथे चरण के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 19, 2019 2:46 AM

पानागढ़ : 29 अप्रैल को चौथे चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान के बीत जाने के वाबजूद चुनाव में भाग लेने वाले चुनाव कर्मियों का अबतक पोस्टल बैलेट नही भेजे जाने से चुनाव कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है. पानागढ़ बाजार हिंदी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि 29 अप्रैल को चौथे चरण के मतदान के बीतने के बाद अबतक चुनाव में भाग लेने वाले सरकारी शिक्षकों को पोस्टल बैलेट नहीं मिला. इस कारण उक्त चुनाव कर्मियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए है.

पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल दुर्गापुर महकमा क्षेत्र के हजारों सरकारी कर्मियों को पोस्टल बैलेट नहीं मिल पाया था. सरकारी कर्मियों का आरोप है कि मतदान के 17 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट नहीं मिला जिसके कारण वे अपना वोट नहीं दे पाए.
इस मामले को लेकर अबतक स्थानीय प्रशासन से भी कोई सूचना नहीं दी गयी है. शिक्षक सुशील शर्मा ने बताया कि गत 29 अप्रैल को चौथे चरण के चुनाव के दौरान पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर महकमा व आसनसोल महकमा के हजारों चुनाव कर्मियों को अबतक पोस्टल बैलेट पेपर नही मिल पाने से सरकारी कर्मी अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर पा रहे है. 19 मई को राज्य व देश में अंतिम चरण का चुनाव भी होना है लेकिन अबतक चुनाव कर्मियों का वोट नहीं दे पाए है.इसे लेकर उक्त लोगों में रोष व्याप्त है.
सुशील शर्मा समेत अन्य सरकारी कर्मियों का कहना है कि हम भी अपने राष्ट्रीय दायित्व को निभाते हैं पर चुनावी ड्यूटी के कारण अपने क्षेत्र में मतदान के दिन हम उपस्थित नहीं रह पाते हैं. चुनावी प्रशिक्षण केंद्र पर अपने वोटर कार्ड के जेरोक्स के साथ 12/12A फॉर्म जमा करके पोस्टल बैलेट का इंतजार करते रहें लेकिन चुनावी प्रक्रिया का समय समाप्त हो जाता हैं. जिम्मेदार पदाधिकारियों से मांग है कि ऐसे लोगों के खिलाफ भी वैसी ही कार्यवाही होनी चाहिए जैसा बूथ लुटेरों के खिलाफ होता है.
इस मामले को लेकर दुर्गापुर महकमा शासक अनिवार्ण कोले को फोन करने पर उन्होंने मीटिंग में व्यस्तता की बात कहीं.

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