भाजपा पार्षदों ने किया इसका प्रबल विरोध

चुनाव के समय राम की याद आने, तुष्टिकरण की नीति का लगाया आरोप माकपा पार्षद इसके विरोध में आज सौंपेंगे नगर निगम में मेयर को ज्ञापन आसनसोल : रामनवमी के मौके पर आयोजकों को पिछले तीन वर्षों से पांच-पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने का मुद्दा गुरूवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2019 2:02 AM

चुनाव के समय राम की याद आने, तुष्टिकरण की नीति का लगाया आरोप

माकपा पार्षद इसके विरोध में आज सौंपेंगे नगर निगम में मेयर को ज्ञापन
आसनसोल : रामनवमी के मौके पर आयोजकों को पिछले तीन वर्षों से पांच-पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने का मुद्दा गुरूवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में जोरदार तरीके से उठा. नगर निगम प्रशासन की ओर से लाये गये इस प्रस्ताव का तृणमूल पार्षदों ने समर्थन किया. जबकि भाजपा के पार्षदों ने इसका विरोध किया.
पार्षदों ने तृणमूल पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. जबकि वाममोर्चा पार्षदों ने इसके विरोध में शुक्रवार को नगर निगम में ज्ञापन सौंपने की घोषणा की. हालांकि बोर्ड ने बहुमत से इसे पारित कर दिया. सनद रहे कि संसदीय चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से मेयर जितेन्द्र तिवारी ने अतिरिक्त जिलाशासक (चुनाव) को पत्र लिख कर अनुदान जारी करने की अनुमति मांगी थी.
इसके बाद ही यह मुद्दा राजनीतिक बन गया है. निगम मुख्यालय के न्यू मिटींग रूम मुखोमुखी में बोर्ड की बैठक चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी की अध्यक्षता में हुई.
निगम प्रशासन ने प्रस्ताव रखा कि रामनवमी पर हर वर्ष की भांति अखाडा कमेटियों को पांच-पांच हजार रूपये की अनुदान राशि इस वर्ष भी दी जाये. मेयर श्री तिवारी ने कहा कि नगर निगम के स्तर से रामनवमी, महाछठ, ईद, क्रिसमस, बुध पूर्णिमा आदि पर अनुष्ठान के बेहतर आयोजन के उद्देश्य से आर्थिक अनुदान दिया जाता है. इस वर्ष भी यह निर्णय लिया गया है. चुनाव आयोग से इसकी अनुमति मांगी गई है. अनुमति मिलने पर इसका वितरण किया जायेगा.
तृणमूल पर लगाया तुष्टिकरण का आरोप तृणमूल पार्षदों ने इसका समर्थन किया. परंतु भाजपा पार्षदों ने इसका विरोध किया. पार्षद आशा शर्मा, पार्षद भृगु ठाकुर तथा पार्षद मधुमिता चटर्जी ने कहा कि तृणमूल तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. राज्य सरकार रामनवमी अखाड़ा तथा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाती है. आसनसोल के कुछ अखाडा कमेटियों ने हर बार तुष्टीकरण की नीति के कारण नगर निगम के इस अनुदान को लेने से इंकार कर दिया था. इस वर्ष भी वे अनुदान नहीं लेंगे. इस कारण भाजपा इसका विरोध करती है. चुनाव के समय भी तृणमूल को राम की याद आती है.
रामभक्तों में जायेगा गलत संदेश इस प्रकरण में मेयर श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा नेता राम के नाम पर वोट तो लेते हैं परंतु उनके लिए कुछ करने की इच्छा नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रिय ने भाजपा पार्षदों को बरगलाया है और पार्षद इसी कारण से इसका विरोध कर रहे हैं. भाजपा के इस निर्णय से रामभक्तों में गलत संदेश जायेगा.
उन्होंने कहा कि अनुदान का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में बहुमत से पारित हो गया है. चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है. अनुमति मिलने पर अखाड़ा कमेटियों के बीच अनुदान राशि वितरित की जायेगी.
सिर्फ भाजपा पार्षदों की राय ली मेयर ने नगर निगम में विपक्ष सह माकपा पार्षद तापस कवि ने कहा कि मेयर श्री तिवारी ने सिर्फ भाजपा पार्षदों से उनकी राय पूछी. इसे जबरन बैठक में पारित कर दिया. माकपा पार्षदों से राय नहीं ली गयी. उन्होंने मेयर से अपने लाभ में अपने निर्णय को दूसरों पर जबरन थोपने की बात कही.
श्री कवि शुक्रवार को नगर निगम मुख्यालय में माकपा पार्षदों संग इसका विरोध करेंगे और मेयर को ज्ञापन सौंपेंगे. क्लबों व अन्य संस्थानों के उन्नयन के लिए सरकारी राशि का अनुदान दिये जाने पर उन्हें आपत्ति नहीं है. परंतु नियमत: धार्मिक अनुष्ठानों एवं आयोजनों पर सरकारी राशि खर्च किये जाने का प्रावधान नहीं है.

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