करोड़पति बनना है तो लगायें सफेद चंदन का पौधा

29 लाख रुपये की लागत से चार केंद्रों में लगाये जायेंगे इसके पौधे जादवपुर, बर्दवान यूनिवर्सिटी, विश्वभारती, बांकुड़ा यूनिवर्सिटी का चयन बर्दवान : कर्नाटक, ओड़िशा, बिहार तथा झारखंड के बाद पश्चिम बंगाल में भी सफेद चंदन पेड़ लगाये जायेंगे. बेहद कीमती माने जाने वाले सफेद चंदन के पेड़ पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल में भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2019 1:02 AM

29 लाख रुपये की लागत से चार केंद्रों में लगाये जायेंगे इसके पौधे

जादवपुर, बर्दवान यूनिवर्सिटी, विश्वभारती, बांकुड़ा यूनिवर्सिटी का चयन
बर्दवान : कर्नाटक, ओड़िशा, बिहार तथा झारखंड के बाद पश्चिम बंगाल में भी सफेद चंदन पेड़ लगाये जायेंगे. बेहद कीमती माने जाने वाले सफेद चंदन के पेड़ पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल में भी पाये जाते हैं. बर्दवान यूनिवर्सिटी के वनस्पति विभाग के पूर्व प्रोफेसर जगतपति ता ने सफेद चंदन पेड़ लगाने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि लंबे शोध के बाद वर्ष 2017 में सफेद चंदन का पौधा लगाने का निर्णय लिया गया था. श्री ता ने कहा कि वर्ष 2013 में वे बेंगलुरू में आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने गये थे. वहां उन्हें जानकारी मिली कि राज्य में सफेद चंदन के पेड़ नहीं हैं. उन्होंने इससे संबंधित प्रोजेक्ट तैयार की. राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने राज कालेज (बर्दवान) के तत्कालीन प्रिंसिपल निरुपमा गोस्वामी भट्टाचार्य के सहयोग से राज कॉलेज के बागान में 30 लाख रुपये लागत का प्रोजेक्ट शुरु किया. उनके साथ पीएचडी स्कॉलर भी हैं. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट में अग्रगति होने पर यादवपुर यूनिवर्सिटी के वित्तीय सहयोग से आगामी मार्च तक चार अतिरिक्त केंद्र विकसित करने का निर्णय लिया गया है. इन केंद्रों में यादवपुर यूनिवर्सिटी, बर्दवान यूनिवर्सिटी, विश्वभारती सेंट्रल यूनिवर्सिटी और बांकुडा यूनिवर्सिटी शामिल हैं. कुल 29 लाख रुपये का प्रोजक्ट है.
उन्होंने कहा कि शोध में यह तथ्य सामने आया कि कम सिंचाईवाले इलाके में सफेद चंदन पेड़ लगाये जा सकते हैं. इस चंदन का उपयोग दवा बनाने मंे काफी होता है. इसकी बाजार में कीमत 15 हजार रुपये प्रति किलो है. यदि इसके पौधे लगाये जायें तो 20 साल बाद इस पेड़ की कीमत एक करोड़ रुपये तक हो सकती है. इसके लिए अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता नहीं है. शुरूआती दो वर्ष मे इसका विशेष ख्याल रखना पड़ता है. सरकारी तौर पर इसके पौधे नि:शुल्क दिये जाते हैं. पहले दो सालों में इसके पौधे के साथ अरहर, तुलसी, नयनतारा आदि पौधे लगाने जरूरी है. 20 साल के पेड़ में कम से कम 30 क्विंटल लकड़ी होती है.

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