कोलकाता : कोल भवन के सामने कोयला खदान शिक्षक मोर्चा का विरोध प्रदर्शन

कोलकाता : कोल इंडिया के तहत बीसीसीएल, इसीएल, सीसीएल, एमसीएल आदि इकाइयों में संचालित कोलियरी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कोयला खदान शिक्षक मोर्चा के नेतृत्व में गुरुवार को न्यूटाउन स्थित कोल भवन के सामने शिक्षकों के वेतन में सुधार समेत विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया. इसमें पश्चिम बंगाल के साथ ही दूसरे राज्यों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2019 5:15 AM

कोलकाता : कोल इंडिया के तहत बीसीसीएल, इसीएल, सीसीएल, एमसीएल आदि इकाइयों में संचालित कोलियरी विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कोयला खदान शिक्षक मोर्चा के नेतृत्व में गुरुवार को न्यूटाउन स्थित कोल भवन के सामने शिक्षकों के वेतन में सुधार समेत विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया. इसमें पश्चिम बंगाल के साथ ही दूसरे राज्यों से भी काफी संख्या में कोलियरी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए

कोयला खदान शिक्षक मोर्चा के महासचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि वर्षों से कोलियरी विद्यालयों के शिक्षकों की स्थिति बदहाल है. दशकों से कोलियरी विद्यालयों के शिक्षक कोयला कर्मी और गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा प्रदान करते आ रहें है, लेकिन आज वही आंसू की घूंट पीकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं, क्योंकि इस महंगाई में भी उनका वेतन न्यूनतम मजदूरी और ठेका मजदूरों के बराबर भी नहीं है. उन्हें मात्र पांच से सात हजार रुपये मासिक वेतन दिये जाते हैं और वह वेतन भी छह माह और एक साल पर मिलते हैं, ऐसे में उनकी हालत बदतर हो गयी है.

उन्होंने कहा कि प्रबंधन का लिखित एग्रीमेंट, जेबीसीसीआइ के प्रावधानों, भारत सरकार के मंत्रियों के आदेश, भारत सरकार के कोल सचिव के आदेश, टीइआरआइ द्वारा बेस लाइन सर्वे, लोकसभा के आदेश एवं अनुशंसाओं के बावजूद सीआइएल ने उनके हित में कोई कदम नहीं उठाया.
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पीड़ा के खिलाफ आवाज उठाने के कारण ही बीसीसीएल के तीन शिक्षकों को कई दशकों से निलंबित कर वेतन भी बंद कर दिया गया है. इन सारी समस्याओं को दूर करने की मांग करते हुए कोल इंडिया के समस्त शिक्षक और शिक्षिकाएं एक दिन के लिए विद्यालयों का पठन-पाठन बंद कर काला फीता बांधकर सीआइएल के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया.

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