आसनसोल : रंजीत मंडल उर्फ डॉन के तार तलाश रहे पुलिस अधिकारी

आसनसोल : लक्खीसराय (बिहार) के कुख्यात अपराधी रंजीत मंडल उर्फ रंजीत डॉन पुलिस जांच के केंद्र में हैं. जिस तरह से नये अपराधियों को इस कार्य में लगाया गया है, उससे संदेह मजबूत हो रहा है कि इन अपराधियों के तार कहीं न कहीं रंजीत से जुड़े हैं. उसके खिलाफ कुल्टी थाना में वर्ष 2011 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 15, 2019 4:57 AM

आसनसोल : लक्खीसराय (बिहार) के कुख्यात अपराधी रंजीत मंडल उर्फ रंजीत डॉन पुलिस जांच के केंद्र में हैं. जिस तरह से नये अपराधियों को इस कार्य में लगाया गया है, उससे संदेह मजबूत हो रहा है कि इन अपराधियों के तार कहीं न कहीं रंजीत से जुड़े हैं. उसके खिलाफ कुल्टी थाना में वर्ष 2011 में कांड संख्या 330/2011 दर्ज है.

लखीसराय जिले के एक छोटे से गांव बोधनगर में पैदा हुआ रंजीत मंडल देखते-देखते बन गया अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह. गरीबी और मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर बोधनगर गांव के शिवदानी मंडल का बेटा रंजीत मंडल जरायम की दुनिया में आने के बाद देखते ही देखते करोड़पति बन गया.

कुछ वक्त बाद ही वह रंजीत डॉन कहलाने लगा. अब उसके पास गाड़ी है, बंगला है, और वो सब कुछ है जो एक शानदार जिंदगी के जीने के लिए ज़रूरी होता है. अब वह करोड़ों का मालिक है. रंजीत बड़े-बड़े व्यवसायियों को उनके साथ व्यापार करने का लालच देता है. फिर उन्हें मिलने के लिए बुलाता है. फिरौती के लिए उनका अपहरण कर लेता है.

वह अंतर्राज्यीय अपहरण गिरोह का सरगना बन चुका है. उसका कारोबार न सिर्फ बिहार बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल और यूपी में भी फल-फूल रहा है. उसने वर्ष 2012 में हरियाणा के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद जगवीर सिंह मल्लिक के रिश्तेदार अजय सिरोहा को अगवा कर लिया था. अजय को पीरीबाजार के बरियारपुर के कोड़ासी जंगल से बरामद कर लिया गया था. पुलिस ने रंजीत मंडल गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन रंजीत भागने में सफल हो गया था.

वर्ष 2016 में उसका नाम दिल्ली के बड़े मार्बल कारोबारी के दो बेटों कपिल शर्मा और सुरेश शर्मा के अपहरण में सुर्खियों में आया था. उसने फिरौती में पांच करोड़ रुपये की मांग की. उसका ससुराल मुंगेर जिले के बरियारपुर प्रखंड के पीरीबाजार में है. यह इलाका अपहर्ताओं को छुपाने की जगह है. ये पूरा इलाका नक्सल प्रभावित है. वह नक्सलियों से भी मदद लेता है. रंजीत ने गोपाल गोयल बनकर इन दोनों भाइयों से मुलाकात की थी. घटना के 15 दिन पहले भी रंजीत ने दोनों भाईयों से मुलाकात की थी.

तभी उसने उन्हें बिहार बुलाने का कार्यक्रम तय कर दिया था. फिर 21 अक्तूबर,2016 को जैसे ही कपिल और सुरेश पटना एयरपोर्ट पहुंचे को उन्हें वहां से अगवा कर लिया गया. 26 अक्तूबर को पटना पुलिस ने उन्हें लखीसराय जिले के जंगल से बरामद कर लिया था. रंजीत के कई गुर्गे गिरफ्तार किये गये. एक बार फिर रंजीत डॉन फरार हो गया. लेकिन पुलिस ने उसे कोलकाता से गिरफ्तार किया. काफी दिनों तक जेल में रहने के बाद वह पिछले वर्ष जेल से बाहर आया था. पुलिस का मानना है कि लंबी चुप्पी के बाद उसने इसकी योजना बनाई होगी.

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