आसनसोल : सभी राज्यों में हो आंतरिक व्यापार मंडल

आसनसोल : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र की तर्ज पर प्रत्येक राज्य में आंतरिक व्यापार मंडल गठन का प्रस्ताव पारित किया है. इस निर्देश के आलोक में धदका रोड स्थित आसनसोल नॉर्थ चेंबर ऑफ कॉमर्स कार्यालय में बैठक की गई. चेंबर अध्यक्ष मनदीप सिंह लाली तथा सचिव मनोज भाष्कर ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 12, 2019 1:28 AM

आसनसोल : कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र की तर्ज पर प्रत्येक राज्य में आंतरिक व्यापार मंडल गठन का प्रस्ताव पारित किया है. इस निर्देश के आलोक में धदका रोड स्थित आसनसोल नॉर्थ चेंबर ऑफ कॉमर्स कार्यालय में बैठक की गई.

चेंबर अध्यक्ष मनदीप सिंह लाली तथा सचिव मनोज भाष्कर ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवा ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं एवं केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को ज्ञापन भेजकर आंतरिक व्यापार मंडल के गठन की मांग की है. इससे घरेलू व्यापार को लेकर केंद्र एवं राज्यों में बेहतर समन्वय की स्थिति बनने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि कैट प्रतिनिधियों ने इससे घरेलू व्यापार के लिए प्रभावी राष्ट्रीय नीति सभी राज्यों में समान रूप से लागू हो उसके लिए इसके गठन को अनिवार्य और कारगर निर्णय बताया. उन्होंने कहा कि अब तक घरेलू व्यापार संबंधी मामले विभिन्न मंत्रालयों के अधीन आते थे.
परंतु अब यह सीधे तौर पर केंद्र में वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि देश भर में लगभग सात करोड़ व्यवसायी हैँ. जिनसे देश के 30 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है. देश में मौजूदा सालाना घरेलू व्यापार लगभग 42 लाख करोड़ रूपये से अधिक का है. यह सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है.
देश में कृषि के बाद घरेलू व्यापार को रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बडा क्षेत्र बताते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के केवल इसी वर्ग के लिए न तो कोई नीति, न कोई मंत्रालय है. जिस कारण इस क्षेत्र की समस्याएं दशकों से ज्यों की त्यों हैँ. परंतु राज्यों में आंतरिक व्यापार मंडल के गठन के बाद इन समस्याओं का निष्पादन बेहतर और जल्द हो सकेगा.
फॉस्बेक्की के कार्यकारी अध्यक्ष आरपी खेतान ने भी कैट की इस मांग को जायज ठहराया. उन्होंने कहा कि इससे घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और बहुत से मामलों में केंद्र एवं राज्यों के बीच बेहतर समन्वय की संभावना बढ़ेगी.

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