आसनसोल : सीमेंट उद्योग को रियायत न मिलने से भारी निराशा

आसनसोल : केंद्र सरकार की अंतरिम बजट को लेकर शिल्पांचल के पेशेवर चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं व्यवसायियों ने उद्योगों की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह चुनावी बजट है तथा इसमें विकास की कोई स्पष्ट दिशा नहीं है. चार्टर्ड एकाउंटेंट भाष्कर दत्ता ने चुनावी बजट बताते हुए कहा कि इसमें कुछ खास नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2019 6:28 AM

आसनसोल : केंद्र सरकार की अंतरिम बजट को लेकर शिल्पांचल के पेशेवर चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं व्यवसायियों ने उद्योगों की उपेक्षा पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह चुनावी बजट है तथा इसमें विकास की कोई स्पष्ट दिशा नहीं है.

चार्टर्ड एकाउंटेंट भाष्कर दत्ता ने चुनावी बजट बताते हुए कहा कि इसमें कुछ खास नहीं है. पांच लाख सालाना आय वालों को आयकर से छूट तो दे दी गई. परंतु पांच लाख एक रूपये आय वालों को पूराने दर से ही आयकर का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि पहले आयकर के धारा 87 ए के तहत 3.5 लाख तक के सालाना आय वाले को कर में राहत दी जाती थी. अब उसे बढ़ाकर पांच लाख रूपये कर दिया गया है. उन्होंने पांच लाख से उपर आय वालों को आयकर में छूट दिये जाने की बात कही.

चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रदीप घटक ने इसे भ्रामक बताते हुए इसमें सभी आयवर्ग वालों के लिए राहत दिये जाने और आयकर स्लैब में और अधिक बदलाव किये जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि बजट में पांच लाख आयकर वालों को तो छूट मिली परंतु पांच लाख से उपर के आयवर्ग वालों को निराशा हाथ लगी है. उन्होंने बजट को पूरी तरह चुनाव से प्रेरित बताते हुए इसमें सभी आय वालों को राहत दिये जाने की मांग की.
पश्चिम बंगाल सिमेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य सह कोर कमेटी के प्रमुख राजकुमार मित्तल ने कहा कि संकट से जूझ रहे व्यवसायियों एवं मझोले सीमेंट उद्योग को किसी भी प्रकार की राहत नहीं देने से सिमेंट उद्योग में घोर निराशा है.
उन्होंने कहा कि सिमेंट उद्योग में देश भर में करोड़ों लोग प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जुड़े हैँ और इससे अपनी आजीविका चला रहे हैं. परंतु कडी प्रतिस्पर्धा और 28 प्रतिशत जीएसटी ने उद्योग संचालकों के लिए समस्या खड़ी कर दी है. उन्होंने कहा कि सरकार से सिमेंट उद्योग पर जीएसटी को 28 से 18 प्रतिशत किये जाने की मांग की गयी थी परंतु इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया.
पश्चिम बंगाल सिमेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के सदस्य धर्मवीर खेतान ने कहा कि यह चुनावी है. इसमें मध्यम आय वर्ग के व्यवसाइयों को तो राहत दी गयी है. परंतु पांच लाख से उपर के आयवर्ग के व्यवसाइयों को पूराने दर से ही आयकर का भुगतान करना होगा. उन्होंने सरकार से सभी आय वर्ग के व्यवसायियों को साथ लेकर चलने और सभी के लिए आयकर में छूट देने की मांग की.
सिमेंट उद्योग में चुनौतियों को देखते हुए सिमेंट पर लगाये जाने वाले जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सिमेंट उत्पादन में लगने वाले कच्चे माल की खरीद महंगी होने के कारण देश भर के सिमेंट उद्योग बंद होने के कगार पर हैं.

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