आसनसोल : मांगों के समर्थन में आदिवासियों का प्रदर्शन, मांगे नहीं माने जाने पर शालगिड़ा का एलान करने की दी चेतावनी

आसनसोल : सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना का कार्य तत्काल बन्द करने, आदिवासियों के माझी बाबा, नायिकी बाबा, पाराणिक बाबा, भदय बाबा, जगमाझी बाबा को सरकारी भत्ता प्रदान करने, जिले के आदिवासी इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने सहित 16 सूत्री मांगो को लेकर नामोकेशिया जमीन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2019 2:48 AM

आसनसोल : सालानपुर प्रखण्ड के नामोकेशिया में रानीगंज कोलफील्ड एरिया पुनर्वास परियोजना का कार्य तत्काल बन्द करने, आदिवासियों के माझी बाबा, नायिकी बाबा, पाराणिक बाबा, भदय बाबा, जगमाझी बाबा को सरकारी भत्ता प्रदान करने, जिले के आदिवासी इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने सहित 16 सूत्री मांगो को लेकर नामोकेशिया जमीन रक्षा कमेटी ने सोमवार को जिलाशासक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. पुलिस ने उन्हें एचएलजी मोड़ के पास ही रोक दिया. 15 सदस्यीय शिष्टमंडल ने अतिरिक्त जिलाशासक (जनरल) अरिंदम राय से मुलाकात कर अपनी मांगों का ज्ञापन उन्हें सौपा.

उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर जिला प्रशासन यदि कार्यवाई नहीं करता है तो जल,जंगल और जमीन की लड़ाई को लेकर आदिवासियों को एक जुट करने के लिए शालगिड़ा का ऐलान किया जायेगा. अतिरिक्त जिलाशासक श्री राय ने कहा कि उनकी मांगों जिला प्रशासन जल्द चर्चा कर उचित कार्यवाई करेगी. पश्चिम बंगाल आदिवासी गावता संगठन के राज्य पर्यवेक्षक सुनील सोरेन, पांडेश्वर प्रखण्ड के अध्यक्ष दिलीप सोरेन, सालानपुर प्रखण्ड के अध्यक्ष विप्लब मरांडी, दुर्गापुर फरीदपुर प्रखण्ड के अध्यक्ष शिबलाल माडी, दुर्गापुर शिल्पांचल के अध्यक्ष रामचरण माडी, आसनसोल नगर निगम आदिवासी महिला संगठन की अध्यक्ष अंजली टुडू, दुर्गापुर महिला संगठन की नेत्री शिवानी टुडू, कुल्टी महिला संगठन की नेत्री शकुंतला मुर्मू आदि ने नेतृत्व किया.
आदिवासी गावता संगठन के राज्य पर्यवेक्षक श्री सोरेन ने बताया कि नामोकेशिया में आदिवासियों के कब्जे वाली कृषि जमीन पर सरकार द्वारा बिना किसी नोटिस के राजनैतिक नेता और पुलिस के सहयोग से बहुमंजिला ईमारत बनाने का कार्य आरंभ हुआ है. इसे तत्काल बंद करना होगा. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को निज गृह, निज भूमि परियोजना के तहत आवास आवंटन करने, इसीएल द्वारा ओसीपी बनाने के नाम पर आदिवासी गांवों को हड़पने की प्रक्रिया रोकने, जिले में भूमिहीन आदिवासियों को जल्द जमीन का पट्टा देने, वन अधिकार कानून 2006 के तहत वनों में रहने वाले आदिवासियों को जमीन का पट्टा देने, 40 साल के बृद्ध व विधवा आदिवासियों को भत्ता देने, जाति प्रमाण पत्र आवंटन की प्रक्रिया को सरल करने, जन्म के समय ही आदिवासी बच्चे को जन्म और जाति प्रमाणपत्र देने, जिले में आदिवासियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए आदिवासी भाषा की आवासीय स्कूल हर प्रखण्ड में बनाने , आदिवासी महिलाओं को स्वनिर्भर बनाने के तहत विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के तहत लोन देने आदि मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
उन्होंने कहा कि जिलाशासक कार्यालय पर प्रदर्शन के लिए भारी संख्या में आदिवासी एकजुट हुए थे. पुलिस के आग्रह पर आदिवासी एचएलजी मोड़ पर ही रुक गए और एक शिष्टमंडल दल मांगों का ज्ञापन अतिरिक्त जिलाशासक श्री राय से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा.

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