तेंदुआ जिस बच्ची को उठा ले गया था, उसका शव मिला

बीरपाड़ा/ नागराकाटा : मंगलवार रात को अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट ब्लॉक के गरगंडा चाय बागान में जिस तीन वर्षीय बच्ची प्रणित उरांव को तेंदुआ उसके घर के सामने से उठा ले गया था, बुधवार सुबह उसका क्षत-विक्षत शव उसी बागान के 12 नंबर सेक्शन से बरामद किया गया. शव मिलने के बाद चाय श्रमिकों का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2019 5:08 AM
बीरपाड़ा/ नागराकाटा : मंगलवार रात को अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट ब्लॉक के गरगंडा चाय बागान में जिस तीन वर्षीय बच्ची प्रणित उरांव को तेंदुआ उसके घर के सामने से उठा ले गया था, बुधवार सुबह उसका क्षत-विक्षत शव उसी बागान के 12 नंबर सेक्शन से बरामद किया गया. शव मिलने के बाद चाय श्रमिकों का गुस्सा फिर से वन विभाग पर भड़क उठा.
उन्होंने चाय बागान निवासियों की मांगें नहीं माने जाने तक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से पुलिस को रोक दिया. खबर पाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेश विश्वास की अगुवाई में विशाल पुलिस बल मौके पर पहुंचा. पुलिस के हस्तक्षेप से आंदोलनकारियों और वन विभाग के बीच सात बिंदुओं पर समझौता हुआ. इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज पायी.
स्थानीय लोगों महेश छेत्री, आनंद लकड़ा, विजय नायक ने नाराजगी दिखाते हुए कहा कि बीते चार महीनों से वन विभाग को तेंदुए के बारे में सतर्क किया जा रहा है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. किसी की मौत होने पर केवल चार लाख रुपये मुआवाज देना वन विभाग का काम रह गया है.
उन्होंने सवाल किया कि क्या इंसान की जान की कीमत केवल चार लाख रुपये है! अगर वन विभाग चार लाख रुपये मुआवजा दे सकता है, तो पिंजरे में बकरा बांधने के लिए पैसा उसके पास नहीं है! उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के हमलों के कारण गरगंडावासी कश्मीर के लोगों से भी ज्यादा आतंक की स्थिति में जी रहे हैं.
बुधवार को गरगंडा चाय बागान के आंदोलनकारी श्रमिकों और वन विभाग के बीच जो सात-सूत्री समझौता हुआ, उसमें प्रणिता उरांव के परिवार के एक सदस्य को नौकरी, मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये का तुरंत भुगतान और बाकी के दो लाख का पोस्टमार्टम के बाद भुगतान, गरगंडा चाय बागान से रामझोड़ा स्कूल तक विद्यार्थियों के आने-जाने के समय वनकर्मियों की गश्त की व्यवस्था शामिल है.
इसके अलावा स्थानीय लोगों को पहरा ड्यूटी देने, तेंदुए के आतंकवाले क्षेत्रों में बकरा समेत पिंजरा लगाने, जंगल से बाहर के सभी तेंदुओं को पकड़ने, गांव के अंधेरे क्षेत्र में सोलर लाइट लगाने और सभी चाय बागानों में वन विभाग का कैम्प लगाने पर भी समझौता हुआ.
पर्यावरण प्रेमी संगठन नेचर एंड एडवेंचर के संयोजक सुजीत दास ने कहा वन विभाग और चाय बागान प्रबंधन की लापरवाही से यह घटना घटी है. वहीं जलदापाड़ा के डीएफओ कुमार विमल ने मृतक के परिवार को दो लाख रुपये के फौरन भुगतान समेत सात सूत्री मांगों पर समझौता होने की बात कही है. इस समझौते को जल्द से जल्द क्रियान्वित किया जायेगा.
गरगंडा चाय बागान के 12 नंबर सेक्शन से बरामदगी
वन विभाग के खिलाफ फूटा आक्रोश
मुआवजा, नौकरी समेत सात सूत्री मांगों पर बनी सहमति

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