एनएच दो के गारूई पुल पर बने कई गड्ढे, बाइक तथा छोटे वाहनों के लिए कभी भी हो सकते हैं जानलेवा

आसनसोल. : राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर गारूई गांव के निकट अप लेन में सेनरेले रेलवे ओवर ब्रिज के दोनों किनारे और बीच में जगह जगह खाई बनकर ढ़लाई का सरिया बाहर निकल गया है. एनएचएआ अधिकारी अस्थायी मरम्मत के तौर पर गड्ढों की भराई सीमेंट व गिट्टी से करते हैं. लेकिन नियमित वाहन चलने से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 10, 2018 5:14 AM
आसनसोल. : राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर गारूई गांव के निकट अप लेन में सेनरेले रेलवे ओवर ब्रिज के दोनों किनारे और बीच में जगह जगह खाई बनकर ढ़लाई का सरिया बाहर निकल गया है. एनएचएआ अधिकारी अस्थायी मरम्मत के तौर पर गड्ढों की भराई सीमेंट व गिट्टी से करते हैं. लेकिन नियमित वाहन चलने से यह उखड़ जाता है. गड्ढ़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं.
डाउन लेन में पिछले दो वर्षों से पुल की मरम्मत का कार्य चलने के कारण दोनों ओर की वाहनों को एक ही इसी पुल से होकर गुजरना पड़ता है. जिससे यह पुल कमजोर हो रहा है और संभावित किसी बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहा है. जबकि एनएचएआइ प्रबंधन के अनुसार पुल के गाडर को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उपर के स्लैब का वायरिंग कोड निकल गया है. डाउन लेन का कार्य पूरा होने के बाद इसकी मरम्मत की जायेगी. इस पुल की आयु 90 साल है.
एनएच सिक्स लेन का कार्य आरम्भ होने के बाद डाउन लेन में सेनरेले रेलवे ओवर ब्रिज के 25 प्रतिशत हिस्से की जर्जर हालत को देखते हुए यहां स्लैब को हटाकर नया स्लैब बिछाने का निर्णय हुआ. बाद में गाडर हटाने का निर्णय लिया गया. जिसके लिए रेलवे से मंजूरी, रेल प्रबंधन की निगरानी में कार्य को लेकर विलंब हुआ.
कार्य आरंभ होते ही ठेकेदार ने सेल का सरिया लगाने के बजाय श्याम स्टील का सरिया लगा दिया. जिसे खोलकर पुनः सेल का सरिया लगाकर कार्य आरंभ हुआ. पिछले दो वर्षों से इस पुल को बंद कर मरम्मत का कार्य चल रहा है. डाउन लेन की वाहनों को भी यहां बाई पास कर अप लेन की पुल से ही निकाला जाता है. दोनों पुल फोर लेन है. एक ही पुल से दोनों ओर की वाहनों को निकालने के कारण अप लेन पुल पर दबाव ज्यादा पड़ गया. जिससे यह पुल नियमित मेंटेनेंस के अभाव में क्षतिग्रस्त होता गया.
वर्तमान में पुल पर जगह जगह गड्ढे बन गये हैं. ढ़लाई का सरिया बाहर निकल गया है. दोनों किनारे पर गड्ढा ज्यादा होने से वाहनों की गति पुल पर पांच किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर आ जाती है. सिविल अभियंता गणेश चक्रबर्ती ने बताया कि वाहनों की गति जितनी ज्यादा होगी, सड़क पर उसका दबाव उतना कम पड़ेगा. गति जितनी कम होगी सड़क पर उसका दबाव उतना ही ज्यादा होगा.
जिसके कारण इस पुल का नुकसान ज्यादा हो रहा है. सभी वाहनों को सम्पूर्ण दबाव गाडर पर ही पड़ रहा है. जिससे इस पुल की आयु कम हो रही है. नियमित मेंटेनेंस न होने के कारण यहां दुर्घटना की भी आशंका है. एनएच दो अधिकारी के अनुसार एनएच दो के सिक्स लेन के कार्य में मेलेकोला रेलवे ब्रिज, सेनरेले रेलवे ब्रिज और बख्तारनगर रेलवे ब्रिज पर फोर लेन ही रहेगा. डीपीआर में इन तीन रेलवे ब्रिज के सिक्स लेन नहीं है. सेनरेले अप लेन का ब्रिज खतरे से बाहर है.

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