मोबाइल सिम के लिए देनी होगी उपभोक्ताओं को वर्चुअल आइडी

मोबाइल फोन सिम बेचनेवाले रिटेलरों के अनुसार अब मोबाइल सिम लेने के लिए उपभोक्ताओं को आधार देना अनिवार्य नहीं होगा. आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेपरी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. इसमें कुछ ही डिटेल रहता है. यूआईडीएआई यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 2, 2018 12:54 AM
मोबाइल फोन सिम बेचनेवाले रिटेलरों के अनुसार अब मोबाइल सिम लेने के लिए उपभोक्ताओं को आधार देना अनिवार्य नहीं होगा. आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेपरी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. इसमें कुछ ही डिटेल रहता है. यूआईडीएआई यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी होगी तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है.
वर्चुअल आईडी जेनरेट करने की सुविधा रविवार से शुरू हो गयी. इसके लिए मोबाइल कंपनियों ने अपने रिटेलरों के मोबाइल फोन में सॉफ्टवेयर अपलोड कर दिया है. रिटेलर देबनाथ शर्मा ने बताया कि आधार नंबर से यह आईडी अधिक सुरक्षित होगा. वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वैरिफिकेशन हो सकेगा.
जीएसटी का बढ़ा दायरा
बैंकों में अतिरिक्त चेक बुक लेने पर अब जीएसटी का भी भुगतान करना होगा. अभी तक बैंक ग्राहकों को नि:शुल्क चेक के बाद अतिरिक्त चेक बुक लेने पर उन्हें अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ता था. लेकिन रविवार से प्रभावी नये प्रावधान के अनुसार अब चार्ज के साथ-साथ उपभोक्ताओं को जीएसटी भी देना होगा.
ईएमआई का समय पर भुगतान नहीं देने पर बैंक द्वारा वसूले गये चार्ज पर भी जीएसटी लगेगा. क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भुगतान नहीं करने पर लिये जानेवाले लेट चार्ज पर भी जीएसटी वसूला जायेगा. फ्री ट्रांजेक्शन के बाद होनेवाले हर ट्रांजेक्शन करने के लिए सौ रूपये पर तीन रूपये अतिरिक्त टैक्स देना होगा.

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