आग उगल रहे सूर्य, धूप ने छीनी शिल्पांचल में बाजारों की रौनक

दुर्गापुर : मई माह में आग उगलती गर्मी और तेज धूप का असर शिल्पांचल के बाजारों की रौनक पर भी दिखने लगा है. लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण बाजारों में सुबह से शाम तक सन्नाटा पसरा रहता है. इससे कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. व्यवसायी दिनभर ग्राहकों के इंतजार में रहते हैं. शाम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2018 4:32 AM
दुर्गापुर : मई माह में आग उगलती गर्मी और तेज धूप का असर शिल्पांचल के बाजारों की रौनक पर भी दिखने लगा है. लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण बाजारों में सुबह से शाम तक सन्नाटा पसरा रहता है. इससे कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. व्यवसायी दिनभर ग्राहकों के इंतजार में रहते हैं. शाम ढलने के बाद ही बाजार में थोड़ी-बहुत चहल पहल दिखती है.
लगातार आग उबलती गर्मी के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से भी परहेज कर रहे हैं. इस अवधि में लगातार 36 डिग्री से अधिक तापमान बने रहने के कारण लोग परेशान हैं. सोमवार को भी तेज धूप के बीच अधिकतम ताममान 36 डिग्री के ऊपर बने रहने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. पूरे दिन लोग गर्मी से बेहाल रहे. सुबह से ही तेज धूप व तपिश के कारण व्यवसायी भी परेशान है. जरूरतमंद ही सड़कों पर नजर आते हैं. इसके कारण राहगीर, दैनिक मजदूर, रिक्शाचालक को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
यद्यपि गर्मी के कारण इलेक्ट्रानिक्स उपकरण और कोल्ड ड्रिंक्स का बाजार गुलजार हुआ है. लेकिन अन्य कारोबारियों का पसीना उतर रहा है. गर्मी के कारण एसी, कूलर, पंखा सहित गर्मी से राहत वाले इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों की बिक्री बढ़ी है, लेकिन भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान हो रहे हैं.
गर्मी बढ़ने के साथ घटने लगा जलस्तर, पानी को लेकर बढ़ी समस्याएं : दिनों दिन बढ़ रही गर्मी का असर जलस्तर पर भी पड़ने लगा है. एक माह पूर्व तक जहां 18 से 22 फीट नीचे पानी का लेयर उपलब्ध था. अब यह घटकर तीस से 32 फीट नीचे चला गया है. दिनों दिन बढ़ रही गर्मी का असर जलस्त्रोतों पर भी पड़ रहा है.
शहर व गांवों में स्थित कुआं, चापाकल तथा तालाब का पानी सूखने लगा है. लोग बताते हैं कि जो चापाकल गांवों में बीस से 25 फीट नीचे थे, उन चापाकलों से अब पानी कम निकल रहा है. वैसे पिछले चार-पांच साल से हर गर्मी में पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है. भू जलस्तर गिरने से पानी को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही है.
चिकित्सकों की सलाह: घर से बाहर निकलें तो खाना खा लें, पर्याप्त पानी पी लें. खाली पेट धूप में निकलना खतरे से खाली नहीं है. बाहर निकालने से पहले मोटे तौलिए से सिर एवं चेहरे को ढंक लें. थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर पानी पीते रहें. प्रयास यह रहे कि प्यास लगे ही न. प्यास लगी तो लू का लगना तय है. इस मौसम में तरबूज, खीरा, संतरा जैसे फलों का सेवन ज्यादा करें.
ये शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं. भोजन के साथ सलाद में कच्चा प्याज खूब खाएं. यह लू से बचाता है. यदि शरीर में जरा भी परेशानी समझ में आए तो तुरंत चिकित्सक से दिखाएं.
मौसमी व रसदार फलों की बढ़ी डिमांड: गर्मी के कारण मौसमी व रसदार फलों की डिमांड बढ़ने लगी है. खीरा, तरबूज, ककरी सहित मौसमी फल की डिमांड बढ़ी है, लेकिन तपिश व गर्मी के कारण इसका उत्पादन प्रभावित हो रहा है. बारिश के बाद तेज धूप के कारण सब्जी का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है. गर्मी के कारण सब्जी बाजारों पर भी असर दिखने लगा है.

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