वामो नेताओं, कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारियां

आद्रा​ : केंद्र एवं राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ वामपंथी श्रमिक संगठनों ने मजदूरों के हक की मांग को लेकर मंगलवार को पुरूलिया जिलाशासक कार्यालय के समक्ष कानून तोड़ों आंदोलन किया. इस दौरान वामपंथी नेता एवं लगभग 5000 की तादाद में कार्यकर्ता उपस्थित थे. पुरूलिया जुबली मैदान से एक पदयात्रा निकाली गई. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 21, 2018 3:39 AM

आद्रा​ : केंद्र एवं राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ वामपंथी श्रमिक संगठनों ने मजदूरों के हक की मांग को लेकर मंगलवार को पुरूलिया जिलाशासक कार्यालय के समक्ष कानून तोड़ों आंदोलन किया. इस दौरान वामपंथी नेता एवं लगभग 5000 की तादाद में कार्यकर्ता उपस्थित थे. पुरूलिया जुबली मैदान से एक पदयात्रा निकाली गई. इसमें हजारों की संख्या में वामपंथी नेता, कार्यकर्ता मांगों को लेकर पुरुलिया शहर की परिक्रमा करते हुये जिलाशासक कार्यालय के समक्ष पहुंचे.

जिलाशासक कार्यालय में जबरन प्रवेश करने के कारण ही बड़ी संख्या में पुलिस बल इन्हें रोकने का प्रयास करती रही लेकिन आंदोलनकारी पुलिस बैरिकेड तोड़ते हुये जिलाशासक कार्यालय में प्रवेश कर गये. इस दौरान आंदोलनकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. लेकिन इसकी परवाह किये बगैर आंदोलनकारी पुलिस के सभी बेरिकैड तोड़ते हुये जिलाशासक कार्यालय में प्रवेश कर गये. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने एेलान किया कि पांच हजार नेता एवं कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाता है तथा उन्हें नि:स्वार्थ जमानत पर बरी किया जाता है. इसके बाद आंदोलन की समाप्ति की घोषणा की गई.

आंदोलनकारियों ने जिलाशासक कार्यालय में प्रवेश कर जमकर नारेबाजी की. वामपंथी श्रमिक संगठन नेता निखिल मुखर्जी ने बताया िक इन दिनों केंद्र ​एवं राज्य सरकार मजदूरों का शोषण कर रही है. हमारी मांग है कि मजदूरों को कम से कम ₹18 हजार मासिक वेतन िदया जाये. सेवानिवृत होने के बाद कम से कम मजदूरों को ₹तीन हजार मासिक पेंशन िमले. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी होगी. मूल्यवृद्धि पर लगाम कसनी होगी. श्रमिक हित के लिये श्रमिक कानून लागू करना होगा. समान मजदूरी के लिए समान वेतन नियम लागू करना होगा. इस कारण हम लोग कानून तोड़ों कार्यक्रम में शामिल हुए हैं.

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