बीमारी के नाम पर कार्यालय में जमना पड़ा भारी

सांकतोडिया : कोयला मंत्नालय ने आदेश जारी किया है कि कोल इंडिया प्रवंधन वैसे कोयला अधिकारियों पर कार्रवाई करें, जो फील्ड में काम करने की जगह बीमारी का बहाना बनाकर कार्यालय में लंबे समय से जमे हुए हैं. इस आदेश के बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कंप है. सूत्नों ने बताया कि वैसे कोयला अधिकारियों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 7:54 AM
सांकतोडिया : कोयला मंत्नालय ने आदेश जारी किया है कि कोल इंडिया प्रवंधन वैसे कोयला अधिकारियों पर कार्रवाई करें, जो फील्ड में काम करने की जगह बीमारी का बहाना बनाकर कार्यालय में लंबे समय से जमे हुए हैं. इस आदेश के बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कंप है.
सूत्नों ने बताया कि वैसे कोयला अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है जिन्होंने मेडिकल रिपोर्ट बना कर जमा किया था. उसे ही आधार मानते हुए सीआईएल प्रबंधन अब उन्हें अनफिट करने की तैयारी कर रहा है. उम्र सीमा 50 से 55 वर्ष के बीच रखी गयी है.
कार्यालय में पदस्थ रहने से इनका परफॉर्मेंस भी खराब हो गया है. तीन माह की नोटिस व वेतन देकर ऐसे अफसरों को छुट्टी की जा सकती है. ईसीएल समेत कोल इंडिया की अन्य आनुषांगिक कोयला कंपनियां यथा- बीसीसीएल, सीसीएल, सीएमपीडीआईएल, एससीसीएल, एमसीएल, एनसीएल ,डब्ल्यूसीएल में लगभग 18 हजार अधिकारी विभिन्न श्रेणी एवं पद में कार्यरत हैं. इन अधिकारियों की कामकाज की समीक्षा करने के लिए केंद्र सरकार ने कोल इंडिया एवं डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस को निर्देशित किया है.
प्रवंधन ने कमेटी बनाकर ऐसे अफसरों को चिन्हित करना भी शुरू कर दिया है. कमेटी ने सबसे पहले ऐसे अधिकारियों को टारगेट में लिया है, जो कार्यालयों में लंबे समय से जमे हैं. खासतौर पर वैसे लोग ज्यादा हैं जो फील्ड में कार्य कर अनुभव लेने वाले ई-2 से ई -4 ग्रेड के अधिकारी कार्यालय में बीमारी के नाम पर काम कर रहे हैं.
जिन ऐसे अधिकारियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है, कमेटी ने इन अधिकारियों की सूची बनाना शुरू कर दिया है. सूची बनने की खबर मिलते ही ऐसे अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. अधिकारी अपना परफॉर्मेंस सुधारने में जुट गये हैं. पर समय कम होने की वजह से उन्हें इस कार्य में परेशानी हो रही है. जांच शुरू होते ही बिना बीमारी वाले अधिकारियों की पोल खुलने का भय सताने लगा है. नौकरी बचाने के लिए कई युक्तियां लगा वे अब फील्ड में जाने की जुगत लगा रहे हैं. आला अधिकारयों के समक्ष आग्रह किया जा रहा है.
पर आला अधिकारी सहयोग नहीं कर पा रहे. उनका कहना है कि फील्ड में भेजने से पहले मुख्यालय से स्वीकृति लेनी होगी. डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के निर्देश पर बनी कमेटी ने बीमारी वाले अधिकारियों के साथ ही ऐसे अफसर को भी चिन्हित करना शुरू किया है, जिनका रिकार्ड खराब है. इन अधिकारियों के नाम भी सूचीबद्ध हो रहे हैं. नोटिस देने के बाद ही स्पष्टीकरण मांगा जायेगा.

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