नदियों में अवैध खनन जारी, तालाब भी भरे जा रहे हैं

जलपाईगुड़ी : एक और जहां पूरे जिले में तेजी से शहरीकरण तथा विभिन्न विकास योजनाओं पर काम हो रहा है वहीं दूसरी और इसकी वजह से पर्यावरण को बुरी तरह से नुकसान पहुंच रहा है. नदियों में अवैध रूप से खनन जारी है. वही तालाबों को भू माफिया के लोग भर रहे हैं. मछली पकड़ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2018 4:06 AM
जलपाईगुड़ी : एक और जहां पूरे जिले में तेजी से शहरीकरण तथा विभिन्न विकास योजनाओं पर काम हो रहा है वहीं दूसरी और इसकी वजह से पर्यावरण को बुरी तरह से नुकसान पहुंच रहा है. नदियों में अवैध रूप से खनन जारी है. वही तालाबों को भू माफिया के लोग भर रहे हैं. मछली पकड़ने के लिए भी कीटनाशक का प्रयोग होने लगा है.
अगर यही स्थिति आगे भी जारी रहे तो आने वाले दिनों में इसका असर बुरी तरह से पर्यावरण पर पड़ेगा. रविवार को जलपाईगुड़ी प्रेस क्लब में बंगीय भूगोल मंच की ओर से आयोजित वार्षिक सभा में विभिन्न स्कूलों के बच्चों तथा पर्यावरण प्रेमियों ने इसी तरह की बातें कही. मंच के जिला कमेटी के सदस्य जेतेश्वर भारती ने कहा है कि तराई तथा डुवार्स में चाय की खेती होती है .
यहां बड़े पैमाने पर कीटनाशक के उपयोग होता है. स्प्रे मशीन से कीटनाशक का छिड़काव होता है. बरसात होते ही कीटनाशक से नदियां प्रदूषित हो जाती है. कीटनाशकों के कारण ही उत्तर बंगाल में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कैंसर के मामले काफी बढ़े हैं. इसकी मुख्य वजह कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग है. श्री भारती ने आगे कहा कि तीस्ता नदी में अनेकों जल विद्युत परियोजनाएं बना दी गई है .इसकी वजह से भूकंप आदि का खतरा बढ़ गया है. आम लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना जरूरी है.
साथ ही सरकार को भी अनाप-शनाप निर्माण कार्यों पर नियंत्रण करना चाहिए . जलपाईगुड़ी आनंद कॉलेज के भूगोल शिक्षक बिप्लव चंद्र सरकार ने कहा कि उत्तर बंगाल में कई नदियों के किनारों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है. वहां लोग घर बनाकर रह रहे हैं. वे गंदगी नदी में ही फेंक रहे हैं. नदियों में अवैध रूप से गिट्टी तथा बालू का खनन जोरों पर है. सरकारी निर्देशों की अवहेलना कर खनन का काम हो रहा है.
इस पर रोक लगाने के लिए सरकारी अधिकारी भी कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं. जलपाईगुड़ी कालियागंज हाई स्कूल के भूगोल शिक्षक मुखरंजन सरकार ने कहा कि जलपाईगुड़ी शहर की अपनी एक अलग महत्ता है. यहां बड़े-बड़े तालाब बने हुए हैं. अब इन तालाबों को भरा जा रहा है. सिलीगुड़ी में महानंदा, फुलेश्वरी,मयनागुड़ी में जर्दा तथा धुपगुड़ी में कुमलाई नदी प्रदूषित हो रही है . लोग घर की गंदगी नदियों में फेंक रहे हैं. इस तरह की प्रवृत्ति पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. इस आमसभा को जलपाईगुड़ी जिला स्कूल के शिक्षक समित वर्मन ने भी संबोधित किया.

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