मैंने आज पंडित नेहरू को सच्ची श्रद्धांजलि दी, जो उनके परिवार वाले नहीं दे पाये थे : नरेंद्र मोदी

गाजीपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज यहां इसलिए आया हूं क्योंकि आज हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती हैं. मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहता हूं. ऐसी श्रद्धांजलि जो उनके परिवार वालों ने उन्हें नहीं. उन्होंने कहा कि 1962 में गाजीपुर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 2:02 PM
गाजीपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आज यहां इसलिए आया हूं क्योंकि आज हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती हैं. मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहता हूं. ऐसी श्रद्धांजलि जो उनके परिवार वालों ने उन्हें नहीं. उन्होंने कहा कि 1962 में गाजीपुर के सांसद ने अपने क्षेत्र के गरीबों और उनकी स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी थी, तब विकास योजनाओं के लिए पंडित जी ने एक कमेटी गठित की थी.

पंडितजी के देहांत के बाद कई प्रधानमंत्री आये और गये, लेकिन इस कमेटी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जबकि अधिकांश पीएम उन्हीं की पार्टी और परिवार से थे. आज उनके जन्मदिवस पर इस कमेटी की रिपोर्ट को अमलीजामा पहनाकर मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहता हूं, जो काम उनके परिवार वाले नहीं कर सके वह मेरी सरकार ने कर दिखाया, आज पंडितजी की आत्मा जहां कहीं भी होगी, उन्हें हमारी ओर से यही श्रद्धांजलि है.

मोदी ने इस मौके पर नेहरू- गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि इस परिवार के लोगों ने देश को 19 महीने तक आपातकाल में रखा. लोगों से बोलने की आजादी छीन ली. वे आज हमसे सवाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपने मुझे भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए सत्ता सौंपी है और मैं वही कह रहा हूं. उन्होंने आम जनता से कहा, मैं जो कुछ कर रहा हूं, उसमें देशहित है और मुझे पूरी उम्मीद है कि आप तकलीफ होने के बावजूद मुझे समर्थन देंगे.

उन्होंने नोटबंदी पर सफाई देते हुए कहा कि यह जरूरी हो गया था कि भ्रष्टाचारी जो कालाधन अपने पास रखे हुए हैं, उन्हें बेकार किया जाये, इसलिए सरकार ने 500-1000 के नोट बंद कर दिये हैं. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह हमसे पूछ रहे हैं कि आपने किस कानून के तहत 500-1000 के नोट बंद किये. वे उस निर्णय को भूल गये, जो उनकी सरकार ने लिये थे चवन्नी को बंद करके. मैं उनसे यह पूछना चाहता हूं कि आखिर किस कानून के तहत यह निर्णय लिया गया था.