यूपी सरकार का बड़ा एक्शन: 6 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित करने वाले अधिकारियों पर गिरी गाज, सीएम योगी ने दिए कड़े निर्देश

UP News: छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में लापरवाही पर यूपी सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है. छह लाख छात्रों को लाभ से वंचित करने वाले अधिकारियों पर सीएम योगी के निर्देश पर कार्रवाई हुई. 14 जिलों के अफसरों को प्रतिकूल प्रविष्टि, चेतावनी और एक बाबू को निलंबन झेलना पड़ा.

By Shashank Baranwal | September 5, 2025 1:31 PM

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. प्रदेश के करीब छह लाख पात्र छात्रों को योजना का लाभ न मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिराने के आदेश दिए हैं. इस कार्रवाई में अब तक 14 जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि, कई बाबुओं को कठोर चेतावनी और बरेली के एक बाबू को निलंबन की सजा दी गई है.

गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के साथ अन्याय

प्रदेश सरकार ढाई लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले एससी-एसटी छात्रों और दो लाख रुपये तक आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई का लाभ देती है. लेकिन वर्ष 2024-25 में विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों की लापरवाही से लाखों पात्र छात्र इस योजना से वंचित रह गए. कहीं अधिकारियों ने समय पर डेटा लॉक नहीं किया, तो कहीं विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने आवेदन को ही आगे नहीं बढ़ाया.

बरेली में सबसे बड़ी लापरवाही

सबसे ज्यादा लापरवाही बरेली जिले में सामने आई, जहां 40 संस्थानों के 1600 छात्र प्रभावित हुए. इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार बाबू प्रमोद जोशी को तत्काल निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा बाराबंकी, हापुड़, झांसी और प्रयागराज के समाज कल्याण विभाग के बाबुओं को कठोर चेतावनी दी गई है.

14 जिलों के अधिकारी कार्रवाई की जद में

जिन 14 जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, उनमें अलीगढ़, औरेया, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बरेली, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कन्नौज, प्रतापगढ़, रायबरेली, सीतापुर और वाराणसी शामिल हैं. इनमें से कई अधिकारियों की भूमिका गंभीर रूप से संदिग्ध पाई गई है.

विश्वविद्यालयों और आईटीआई पर भी कड़ी कार्रवाई

सीएम योगी ने केवल जिलास्तरीय अधिकारियों पर ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों और तकनीकी संस्थानों की लापरवाही पर भी कड़ा संदेश दिया है.

  • 14 राज्य विश्वविद्यालयों और 19 निजी विश्वविद्यालयों को कठोर चेतावनी दी गई है.
  • 66 नोडल अधिकारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
  • आठ आईटीआई मंडलों के संयुक्त निदेशकों पर भी जिम्मेदारी तय की गई है.

सरकार का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के साथ अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी पात्र छात्र को छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई से वंचित पाए जाने पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी.