शाहजहांपुर में एडीएम का निरीक्षण: बच्चों संग जमीन पर बैठकर खाया मिड-डे मील, गांव की सफाई खुद झाड़ू उठाकर की

Shahjahanpur News: शाहजहांपुर में एडीएम अरविंद कुमार ने सरकारी स्कूल में मिड-डे मील की गुणवत्ता परखी और बच्चों संग जमीन पर बैठकर भोजन किया. सफाई में लापरवाही पर सफाईकर्मी को फटकार लगाई और खुद झाड़ू थामकर सफाई की. नामांकन बढ़ाने और शौचालय साफ रखने के निर्देश दिए.

By Abhishek Singh | July 8, 2025 5:26 PM

Shahjahanpur News: शाहजहांपुर के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार ने मंगलवार को विकासखंड मदनापुर के करनपुर पड़री गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मिड-डे मील की गुणवत्ता जांचने के लिए खुद बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया. बच्चों को अपने पास बैठा देखकर उनका उत्साह भी देखने लायक था. एडीएम ने भोजन की मात्रा, स्वाद और सफाई व्यवस्था का गहन परीक्षण किया और रसोइयों को आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मिड-डे मील सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि बच्चों के पोषण और स्कूल से जुड़ाव का माध्यम भी है.

बिना मान्यता वाले प्राइवेट स्कूलों पर उठाए सवाल, सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के निर्देश

एडीएम ने ग्रामीणों से बातचीत में चिंता जताई कि कुछ निजी स्कूल बिना किसी वैध मान्यता के चल रहे हैं, जो न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल रहे हैं. उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएं, जहां अब सुविधाएं पहले से कहीं बेहतर हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की योजनाओं के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे के अभिभावक के खाते में ड्रेस, जूता-मोजा, बैग जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं. साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक तैनात किए गए हैं. उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे गांवों में घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करें और अधिक से अधिक नामांकन सुनिश्चित कराएं.

गांव की गंदगी पर नाराजगी, सफाईकर्मी को लगाई फटकार

निरीक्षण के दौरान जब एडीएम गांव की गलियों से गुजरे तो उन्हें जगह-जगह कूड़ा और गंदगी नजर आई. इस पर उन्होंने ग्रामीणों से सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी ली, तो लोगों ने तैनात सफाईकर्मी की लापरवाही की शिकायत कर दी. एडीएम ने तत्काल सफाईकर्मी को बुलाया और कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर गांव की सफाई नहीं हुई, तो उसकी सैलरी से वसूली कर सफाई कराई जाएगी. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि गांव की गलियों, नालियों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई नियमित रूप से की जाए. इस चेतावनी से संबंधित विभाग में भी हलचल मच गई है.

एडीएम ने खुद थामा झाड़ू, शौचालय की सफाई व्यवस्था भी देखी

स्वच्छता को लेकर केवल निर्देश ही नहीं, बल्कि उदाहरण भी पेश करते हुए एडीएम अरविंद कुमार ने खुद झाड़ू उठाकर गांव की सफाई की शुरुआत की. सामुदायिक शौचालय के पास जब उन्हें गंदगी मिली तो उन्होंने तुरंत झाड़ू से वहां सफाई की और लोगों को संदेश दिया कि अधिकारी हों या आम नागरिक, स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने ग्राम प्रधान को निर्देशित किया कि शौचालय की रोजाना सफाई सुनिश्चित की जाए और किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए. ग्रामीण एडीएम के इस समर्पण भाव और कार्यशैली से हैरान रह गए और कई लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर अधिकारी इसी तरह सक्रिय रहें तो गांवों की तस्वीर जल्द बदल सकती है.