मायावती की भतीजी को ससुरालवालों ने पीटा:बोले- तेरी बुआ के पास बहुत पैसा, फ्लैट और 50 लाख लेकर आ; पति समेत 7 पर FIR
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की भतीजी का घरेलू विवाद तूल पकड़ते नजर आ रहा.मायावती की भतीजी द्वारा ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है तो वहीं बसपा ने पति और सास ससुर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
बसपा प्रमुख मायावती की भतीजी एलिस ने अपने पति, सास समेत 9 लोगों पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है. कोर्ट के आदेश पर हापुड़ कोतवाली में पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी, ननद और मौसा पर FIR हुई है. पीड़ित की सास हापुड़ नगर पालिका की चेयरमैन हैं.उन्होंने बसपा से ही चुनाव लड़ा था.पीड़ित महिला ने बताया कि ससुराल वाले धमकी देते हैं कि तुम्हारी बुआ बसपा की कर्ता-धर्ता हैं, उनके पास बहुत पैसा है. फ्लैट और 50 लाख रुपए का इंतजाम करो. मना करने पर गाली-गलौज की.बुरी तरह पीटा. जान से मारने की धमकी दी. कहा कि अगर किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा. किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी.
बॉडी बिल्डिंग में पति हुआ नपुंसक, मायावती की भतीजी ने FIR में किया दावा
मायावती की भतीजी ने बताया कि उसके पति ने बॉडीबिल्डिंग के लिए लंबे समय तक स्टेरॉयड के इंजेक्शन का इस्तेमाल किया, जिससे वजह से वह नपुंसक हो गया. इसके बाद उसपर बच्चे पैदा करने का जबरन दबाव बनाते हुए उसके साथ रेप की कोशिश की गई. आरोप है कि 17 फरवरी 2025 को उसके ससुर और देवर द्वारा कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया गया. इससे परेशान होकर महिला अपने मायके वापस लौट आई. ये भी आरोप लगाए गए हैं कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी शुरुआत में कोई संतुष्ट कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाज खटखटाया. पीड़िता का दावा है कि उसके ससुराल वालों के राजनीतिक प्रभाव के कारण, उसकी शिकायतों को शुरू में नजरअंदाज कर दिया गया एवं कोई उचित कार्यवाही नहीं करी गई.
मायावती ने भतीजी के पति और सास ससुर को पार्टी से किया निष्कासित
मायावती की भतीजी की सास पुष्पा देवी बसपा से ही नगर पालिका परिषद हापुड़ की चेयरमैन भी हैं. बसपा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चेयरमैन पुष्पा देवी, उनके पति श्रीपाल और बेटे विशाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और अनुशासनहीनता अपनाने के कारण निष्कासित कर दिया गया है. इनको पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता अपनाने के बारे में कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है. बावजूद इसके इनकी गतिविधियों में कोई सुधार नहीं आया, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है.
