World Water Day 2022: यूपी में पीने लायक नहीं जमीन के अंदर का पानी, फ्लोराइड और आर्सेनिक बढ़ा

63 जिलों में फ्लोराइड, 25 में मिला आर्सेनिक, 18 जिलों के जमीन के अंदर पानी में फ्लोराइड और आर्सेनिक दोनों, पानी के स्रोतों की जियोग्राफिकल टेस्टिंग में हुआ था खुलासा

By Amit Yadav | March 22, 2022 2:12 PM

World Water Day 2022: यूपी में भूगर्भ जल की सेहत खराब है. यहां के 75 जिलों में से 63 के जमीन के अंदर का पानी फ्लोराइड प्रभावित है. 25 जिलों में आर्सेनिक पानी को जहरीला बना रहा है. 18 जिले ऐसे हैं जहां फ्लोराइड और आर्सेनिक दोनों ही पानी की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं.

https://mail.google.com/mail/u/0/#inbox/FMfcgzGmvfRcvnXVmKjpdmgsRcTvXtss?projector=1 आरटीआई से मिली थी जानकारी

यूपी में भूगर्भ जल की सेहत की यह तस्वीर पानी के स्रोतों की जियोग्राफिकल टेस्टिंग सामने आयी थी. लेकिन किसी भी जिले में पानी के कारण वहां के लोगों की सेहत पर पड़ने वाले हानिकारक असर का मूल्यांकन नहीं कराया गया है. इस जियोग्राफिकल टेस्टिंग रिपोर्ट को राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन से आरटीआई के माध्यम से निकाला गया है.

150 करोड़ रुपये कहां गए?

वर्ष 2015-16 में केंद्र ने 150 करोड़ रुपये वाटर एंड सेनिटेशन विभाग यूपी को गुणवत्ता सर्वे के लिए दिए थे. लेकिन इस बजट का क्या इस्तेमाल किया गया, इसकी जानकारी भी देने के लिए कोई तैयार नहीं है. यहां तक कि जिलों में क्या कम हो रहा है, इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है.

निर्धारित मानक से कई गुना ज्यादा

भूगर्भ जल में फ्लोराइड की मात्रा अधिकतम 1.5 पीपीएम होना चाहिए. जबकि आर्सेनिक अधिकतम 0.010 पीपीएम होना चाहिए. भूगर्भ जल में फ्लोराइड मानक से लगभग दोगुना और आर्सेनिक मानक से 10 गुना ज्यादा है. जो इन जिलों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर डाल रहा है.

एजेंसी बनी लेकिन नहीं हुआ काम

2009 में केंद्र सरकार ने फ्लोराइड प्रभावित जिलों में फ्लोरोसिस बीमारी पर नियंत्रण के लिए नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ फ्लोरोसिस शुरू किया . इसके लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को कार्यदायी नोडल एजेंसी बनाया गया था, लेकिन फ्लोराइड और आर्सेनिक से प्रभावित भूगर्भ जल के इलाके पहचाने जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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आगरा, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, अमेठी, औरैया, बागपत, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, एटा, इटावा, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, जौनपुर, झांसी, ज्योतिबा फुले नगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कन्नौज, कासगंज, कौशांबी, लखीमपुरखीरी, ललितपुर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुज फर नगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संतकबीर नगर, भदोही, शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर, सोनभद्र, सुलतानपुर, उन्नाव, वाराणसी, हाथरस

आर्सेनिक प्रभावित जिले

अलीगढ़, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, देवरिया, अयोध्या, गाजीपु, गोंडा, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, ज्योतिबा फुले नगर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, महाराजगंज, मथुरा, मिर्जापुर, पीलीभीत, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, उन्नाव

फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रभावित जिले

अलीगढ़, बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, प्रयागराज, गाजीपुर, गोंडा, जौनपुर, झांसी, ज्योतिबाफुले नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, महाराजगंज, मथुरा, मिर्जापुर, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, सीतापुर, उन्नाव

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