यूपी में बाढ़ ने लिया विकराल रूप, 28 जिलों में लाखों की आबादी प्रभावित

लखनऊ : बारिश होने और नेपाल के बांधों से पानी छोडे जाने की वजह से उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत विभिन्न नदियों की बाढ से 28 जिले प्रभावित हुए हैं और करीब एक हजार गांवों में रहने वाले लाखों लोग इस दुश्वारी से जूझ रहे हैं. गाजीपुर में बाढ के पानी में डूबने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2016 9:15 PM
लखनऊ : बारिश होने और नेपाल के बांधों से पानी छोडे जाने की वजह से उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत विभिन्न नदियों की बाढ से 28 जिले प्रभावित हुए हैं और करीब एक हजार गांवों में रहने वाले लाखों लोग इस दुश्वारी से जूझ रहे हैं. गाजीपुर में बाढ के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी है.
बाढ की वजह से गाजीपुर, बलिया, बांदा, हमीरपुर, इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, औरैया, जालौन समेत अनेक जिलों के तटीय इलाकों में तबाही का मंजर है. हजारों हेक्टेयर फसल बरबाद हो गयी है. प्रदेश के राहत आयुक्त डी. के. सिंह ने आज यहां बताया कि गंगा नदी में जलस्तर बढने के कारण इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया के कुल 987 गांवों के आठ लाख 60 हजार 603 लोग बाढ से प्रभावित हुए हैं. अब तक 30247 लोगों को राहत शिविरों एवं 62397 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढने के कारण जनपद मिर्जापुर एवं महोबा भी बाढ प्रभावित हो गये हैं अब तक 28 जिले बाढ से प्रभावित हो चुके हैं. बाढ में बचाव एवं राहत कार्य के लिये आज बलिया में राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के तीन प्लाटून और इलाहाबाद तथा गाजीपुर में एक-एक प्लाटून भेजी गयी है.
सिंह ने बताया कि गंगा नदी में जलस्तर बढने के कारण उत्पन्न बाढ की स्थिति के दृष्टिगत इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में कुल 2462 नावें, 48 मोटर बोट तथा 39 अन्य वाहनों की मदद ली जा रही है. राहत आयुक्त ने बताया कि इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ से निपटने के लिये अब तक 323 बाढ चौकियाँ, 142 राहत शिविर तथा 101 राहत वितरण केंद्रों की स्थापना की गयी है. बाढ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी गयी है.
इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता के लिये 284 चिकित्सा दल गठित करके 4443 लोगों का इलाज किया गया है. इस बीच, गाजीपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक गंगा की बाढ में डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी है. जमानियां कोतवाली क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव का निवासी सुधीर नामक लडका कल सामान लेकर बाढ के पानी से गुजर रहा था, तभी उसका पैर फिसल गया और वह तेज धारा में बह गया. बाद में उसका शव बरामद किया गया.
इसके अलावा करंडा क्षेत्र के सोकनी गांव निवासी शिवपूजन यादव बाढ के पानी में डूबी झोपडी में बंधे मवेशियों को निकालकर ले जा रहा था, तभी पानी के बहाव से गड्ढे में गिरकर डूब गया. राष्ट्रीय आपदा राहत बल के जवानों ने उसे निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफान पर हैं. यहां तक कि आमतौर पर हर साल सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखण्ड के कुछ जिले भी बाढ रुपी मुसीबत से घिर गये हैं.
रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी फाफामउ (इलाहाबाद) छतनाग (इलाहाबाद), मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में अब भी खतरे के निशान से उपर बह रही है. बलिया में तो इसका जलस्तर लाल चिह्न से ढाई मीटर से भी ज्यादा उपर पहुंच गया है. ज्यादातर स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ रहा है.
इसके अलावा नरौरा (बुलन्दशहर), फतेहगढ, गुमटिया (कन्नौज) अंकिनघाट (कानपुर देहात) तथा कानपुर में गंगा का जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक पहुंच गया है. यमुना नदी का जलस्तर कालपी तथा बुंदेलखण्ड में आने वाले हमीरपुर और चिल्लाघाट (बांदा) के साथ-साथ नैनी (इलाहाबाद) और औरैया में भी खतरे के निशान से उपर पहुंच गया है. इसके अलावा प्रयागघाट में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है.
शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां (खीरी) में खतरे के निशान के उपर बना हुआ है. बेतवा नदी का जलस्तर सहिजना :हमीरपुर: में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है. घाघरा नदी एल्गिनब्रिज, अयोध्या तथा तुर्तीपार (बलिया) में लाल चिह्न के नजदीक बह रही है.
इस बीच, मिर्जापुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रभावित इलाकों में बाढ की मुसीबत पीछा नहीं छोड रही है. आज सुबह भी गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ रहा था . हालांकि गंगा ने अभी वर्ष 1978 और 2013 में पहुंचे जलस्तर को अभी नहीं छुआ है लेकिन उनकी तुलना में बाढ का प्रकोप इस बार ज्यादा है क्योंकि जनपद की आबादी बढने के कारण लोग गंगा की तराई क्षेत्रों में आकर बस गये थे.
अपर जिलाधिकारी बी. बी. सिंह ने बताया कि गंगा नदी के पानी में लगातार इजाफा होने की वजह से आसपास के क्षेत्रों से लोगांे को नावों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. बाढ का पानी चील्ह थाना क्षेत्र के टेडवा-गोपीगंज-औराई तिराहे तक पहुच गया है, जिससे लुम्बनी-दुद्घी राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पडा है. सिंह ने बताया कि विन्ध्याचल से कंतित मार्ग और सगरा काशीराम आवास मार्ग पर पानी आ जाने के कारण इन मागोंर् को बंद कर दिया गया है लेकिन विन्ध्याचल मंदिर में दर्शन पूजन यथावत चल रहा है.

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