अखिलेश कैबिनेट से 8 मंत्री बाहर, परसों शामिल हो सकते हैं 10 नये चेहरे

लखनउ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादवने आज अपने मंत्रिपरिषद से आठ मंत्रियों को हटा दिया. इस बदलाव के बाद अखिलेश यादव 31 अक्तूबर को अपनी सरकार में नये मंत्रियों को शामिल करेंगे. उल्लेखनीय है कि कल ही अखिलेश यादव राज्यपाल राम नाईक से मिले थे और उन्हें सरकार में होने वाले बदलाव की जानकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 29, 2015 3:15 PM

लखनउ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादवने आज अपने मंत्रिपरिषद से आठ मंत्रियों को हटा दिया. इस बदलाव के बाद अखिलेश यादव 31 अक्तूबर को अपनी सरकार में नये मंत्रियों को शामिल करेंगे. उल्लेखनीय है कि कल ही अखिलेश यादव राज्यपाल राम नाईक से मिले थे और उन्हें सरकार में होने वाले बदलाव की जानकारी दी थी. बाद में राजभवन ने भी इसकी पुष्टि की थी. हटाये गये आठ मंत्रियों में पांच कैबिनेट व तीन राज्यमंत्री हैं.

हटाये गये मंत्रियों के नाम इस प्रकार हैं : स्टांप व न्याय शुल्क पंजीयन मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण व विकलांग कल्याण मंत्री अंबिका चौधरी, कपडा उद्योग एवं रेशम उद्योग मंत्री शिव कुमार बेरिया, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री नारद राय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री शिवकांत ओझा, प्राविधिकी शिक्षा राज्य मंत्री आलोक कुमार शाक्य, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह, लघु मध्यम उद्यम मंत्री भगवत शरण गंगवार.

उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव ने मंगलवार को ही सरकार में बदलाव के संकेत दिये थे. साढे तीन साल पुरानी अखिलेश सरकार में यह छठा बदलावहोने जा रहा है. समझा जाता है कि इस कवायद के जरिये अखिलेश यादव अपनी सरकार की छवि को बेहतर बनाना चाहते हैं. राजभवन के सूत्रों के अनुसार, शनिवार को साढे दस बजे सुबह शपथ ग्रहण समारोह होगा.

अखिलेश सरकार में फिलहाल विधानसभा संख्या के 15 प्रतिशत केहिसाब से अभी पांच और मंत्री शामिल किये जा सकते हैं.
ऐसे में विदा किये गये आठ मंत्रियों के बदले दस तक नये मंत्री शामिल हो सकते हैं. फिलहाल अखिलेश सरकार में 54 मंत्री हैं. कहा जा रहा है कि इस फेरबदल में सरकार में अति पिछड़ों का प्रतिनिधित्व बढाया जा सकता है.

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि बिहार चुनाव के बाद राजनीति उत्तरप्रदेश पर केंद्रित होने वाली है. समाजवादी पार्टी को वहां बसपा व भाजपा दोनों से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. ऐसे में सरकार के चेहरे को सजाना संवारना जरूरी है.

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