UP : मिड डे मील में नमक-रोटी खिलाये जाने की खबर छापने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में हाल ही में एक प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने की खबर छापने वाले पत्रकार और ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि समेत कई लोगों के खिलाफ सरकार की छवि खराब करने के ‘कुत्सित प्रयास’ के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2019 2:40 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में हाल ही में एक प्राथमिक स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने की खबर छापने वाले पत्रकार और ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि समेत कई लोगों के खिलाफ सरकार की छवि खराब करने के ‘कुत्सित प्रयास’ के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने सोमवार को बताया कि एक हिंदी दैनिक के स्थानीय पत्रकार पवन कुमार जायसवाल, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार पाल तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश रचने, सरकारी काम में बाधा डालने, झूठी बातों को तथ्य के तौर पर पेश करने और धोखाधड़ी कर सरकार की छवि खराब करने के ‘कुत्सित प्रयास’ के आरोप में अहिरौरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा पिछली 31 अगस्त को खंड शिक्षाधिकारी प्रेम शंकर राम की तहरीर पर दर्ज किया गया है.

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मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पत्रकार पवन ने सोची-समझी साजिश के तहत स्कूल में वीडियो तैयार किया, ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके. गौरतलब है कि पिछले 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खंड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच करायी थी और प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर दो शिक्षकों मुरारी और अरविंद कुमार त्रिपाठी को निलम्बित किया था.

अब इसी मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार तथा अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार को जानकारी थी कि घटना के दिन स्कूल में सिर्फ रोटी ही बनी है, मगर उसने सब्जी का इंतजाम कराने की बजाय पत्रकार पवन जायसवाल को बुलाया, जिसने रसोइयों द्वारा बच्चों को केवल रोटी-नमक खिलाते हुए वीडियो बना लिया और उसे एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एजेंसी को भेज दिया. उस वीडियो में एक महिला बच्चों को रोटी दे रही है और एक व्यक्ति उनकी थाली में नमक परोस रहा है.

मिड डे मील योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मेन्यू के हिसाब से दाल, चावल, रोटी, सब्जी, फल और दूध दिये जाने की व्यवस्था है, ताकि उन्हें बेहतर पोषण मिल सके. इस योजना को इस तरह से तैयार किया गया है कि हर बच्चे को प्रतिदिन न्यूनतम 450 कैलोरी मिले. इसमें रोजाना 12 ग्राम प्रोटीन भी शामिल होना चाहिए. योजना के अनुसार, हर बच्चे को साल में कम से कम 200 दिन ऐसा भोजन दिया जाना चाहिए. मिर्जापुर के प्राथमिक स्कूल की इस घटना से प्रदेश सरकार की आलोचना हुई थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि मिर्जापुर के स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत रोटी और नमक दिया जा रहा है तथा भाजपा सरकार के जमाने में प्रदेश का यह हाल है.

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