रसोइयों को मिलेंगे अब 1500 रुपये का मानदेय

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में किये गये कैबिनेट फैसले में मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय एक हजार रुपये से बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है, जबकि आशा कर्मियों की प्रतिपूर्ति धनराशि में 750 रुपये महीने बढ़ोत्तरी की गयी है, यह वृध्दि उनके कार्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 9, 2019 4:54 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में किये गये कैबिनेट फैसले में मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय एक हजार रुपये से बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है, जबकि आशा कर्मियों की प्रतिपूर्ति धनराशि में 750 रुपये महीने बढ़ोत्तरी की गयी है, यह वृध्दि उनके कार्य के आधार पर होगी.

शुक्रवार की रात में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 13 महत्वपूर्ण फैसले किये गये. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि अब संस्कृत विद्यालयों के अवकाशप्राप्त शिक्षक भी मानदेय के आधार पर काम कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइयों व कुक-कम-हेल्पर का मानदेय बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दिया है.

रसोइयों को एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय देने का शासनादेश दिसंबर 2009 में हुआ था, तब से इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई थी. प्रवक्ता ने बताया कि आशा कार्यकत्रियों की प्रतिपूर्ति धनराशि में 750 रुपये प्रति महीने की वृद्धि की गई है. आशा संगिनियों को उनके कार्य के आधार पर प्रतिमाह 750 रुपये की वृद्धि का फैसला भी लिया गया है.

इसके अलावा पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की स्मृति में उनकी जन्म स्थली गढ़ाकोला (उन्नाव) में स्मृति भवन और पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी. मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया है कि प्रदेश में अब खनन व्यवसायी नदी से निकलने वाले खनन का भंडारण खनन क्षेत्र के पांच किलोमीटर दायरे में कर सकेंगे.

प्रवक्ता के अनुसार कानपुर, फैजाबाद, मेरठ व बांदा के राज्य कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के शिक्षकों और उनके समकक्ष संवर्ग के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक पुनरीक्षित वेतनमान दिया जाएगा. ये वेतनमान एक जनवरी 2016 से प्रभावी किए गये हैं. इसके अलावा नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, फैजाबाद के नाम के पहले आचार्य और अन्त में फैजाबाद के स्थान पर अयोध्या शब्द भी जुड़ जाएगा.

केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 व आगामी वर्षों में खरीफ और रबी मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठन मौसम आधारित फसल बीमा को प्रदेश में लागू करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसके तहत पूर्व के नियमों की भांति ही प्रभावित किसानों को बीमा कवर के रूप में वित्तीय क्षतिपूर्ति एवं सहायता प्रदान की जाएगी.

कैबिनेट ने सरकारी अस्पतालों में एलोपैथिक व दांत के डॉक्टरों की प्रैक्टिस बंदी भत्ता केन्द्र सरकार के डॉक्टरों के बराबर करने के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. प्रैक्टिस बंदी भत्ते की पुनरीक्षित दरें इस साल जनवरी से लागू होंगी. लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजीडेन्ट डाक्टर व सीनियर डिमान्स्ट्रेटर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत अब एम्स नयी दिल्ली के डॉक्टरों के बराबर भत्ते पाएंगे.

कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी. प्रवक्ता के अनुसार इसके अलावा लकड़ी के उद्योग लगाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले मेगा कैटेगरी के बड़े उद्योगों को जरूरत के अनुसार लकड़ी लेने का लाइसेंस दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रदेश में खेती की जमीन पर उद्योग लगाने के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए जमीन लेने की प्रक्रिया को और सरल कर दिया है.

Next Article

Exit mobile version