उत्तरप्रदेश : योगी कैबिनेट का फैसला, मदरसों में अब पढ़ाई जाएंगी एनसीइआरटी की किताबें

लखनऊ : उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह तय किया है कि अब राज्य के मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीइआरटी की पाठ्य पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी. मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मदरसों के पाठ्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी भाषा पढ़ना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2018 9:06 AM

लखनऊ : उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह तय किया है कि अब राज्य के मदरसों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीइआरटी की पाठ्य पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी. मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मदरसों के पाठ्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी भाषा पढ़ना अनिवार्य होगा. यह भी तय किया गया है कि पुस्तकों का प्रकाशन हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में किया जाएगा.

इससे पूर्वपिछलेसाल उत्तरप्रदेश सरकार ने मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य किया था. योगी सरकार के उस फैसले पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने भी मुहर लगायी थी. कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रगान गाना व राष्ट्रीय झंडे का सम्मान करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है.

योगी कैबिनेट ने एटा और मीरजापुर में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए जमीन देने का भी निर्णय लिया है. राज्य कैबिनेटने कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. उत्तरप्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने उत्तरप्रदेश अशासकीय अरबी फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन व सेवा नियमावली 2016 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह संशोधन प्रस्ताव राज्य मदरसा बोर्ड ने दिया था.

श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उत्तरप्रदेश मदरसा बोर्ड ने पारंपरिक शिक्षा पद्धति को बदलते हुए मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास किया है. इससे मदरसों की शिक्षा में सुधार होगा. बच्चे हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम के लिए यह पहल जरूरी थी. मदरसों के संचालन में पारदर्शिता लाने के लिए वेबसाइट भी बनायी जाएगी.

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