संविधान और आरक्षण को लेकर भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी पर बोला जोरदार हमला

लखनऊ / बहराइच : भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अपनी ही पार्टी पर जोरदार हमला बोला है. भाजपा सांसद ने कहा है कि प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है. प्रदेश सरकार अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 13, 2018 11:38 AM

लखनऊ / बहराइच : भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अपनी ही पार्टी पर जोरदार हमला बोला है. भाजपा सांसद ने कहा है कि प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है. प्रदेश सरकार अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इन लोगों को कौन बचा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी ही पार्टी पर जोरदार हमला बोला है. भाजपा सांसद ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है. प्रदेश सरकार अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इन लोगों को कौन बचा रहा है. इनके पीछे कौन-सी शक्तियां हैं. सांसद ने कहा, ‘आज देश का लोकतंत्र खतरे में हैं. यह मैं नहीं कह रही हूं, बल्कि यह बात सुप्रीम कोर्ट के जज कह रहे हैं.’ साथ ही कहा कि ‘ कभी कहा जा रहा है कि हम भारत के संविधान को बदलने के लिए आये हैं. कभी कहा जा रहा है कि हम आरक्षण को समाप्त करेंगे, भारत के संविधान की समीक्षा करेंगे, भारत के आरक्षण को ऐसा समाप्त करेंगे कि रहना ना रहना एक बराबर होगा, तो अगर भारत का संविधान आरक्षण खत्म हो जायेगा, तो देश का बहुजन समाज ही नहीं, पूरे देश के लोगों का अधिकार खत्म हो जायेगा.’ उन्होंने कहा कि देश में अराजकता का माहौल है. एससी-एसटी पर अत्याचार किये जा रहे हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि बहुजन समाज के साथ अत्याचार किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि ‘बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी जाये, अनुसूचित जाति की बहू-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ किया जाये, उनको मौत के घाट उतारा जाये. सांसद ने कहा कि आज एससी-एसटी के लोगों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से रोजी-रोटी की व्यवस्था नहीं की गयी है. कोई रोजगार नहीं है. कोई नौकरी नहीं है. उनके सम्मान की रक्षा में मेरे आवाज उठाने पर क्या मेरे खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अगर इसके लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो यह संविधान का उल्लंघन है. उन्होंने केंद्र सरकार से दखल देने की मांग करते हुए कहा कि हमारी न तो सरकार से नाराजगी है, ना ही पार्टी से. मालूम हो कि इससे पहले भाजपा सांसद ने मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरुष बताया था.

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