जल निगम भर्ती मामला : SIT ने आजम खान के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी

लखनऊ : जल निगम भर्ती घोटाले में समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने मामला दर्ज किया. आधिकारिक सूत्रों ने ब​ताया कि आजम एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. एसआईटी पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में जल निगम में हुई 1342 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2018 9:11 AM

लखनऊ : जल निगम भर्ती घोटाले में समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने मामला दर्ज किया. आधिकारिक सूत्रों ने ब​ताया कि आजम एवं अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. एसआईटी पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में जल निगम में हुई 1342 लोगों की भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच कर रही है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि भर्ती के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए गलत नियुक्तियां की गईं. वहीं, भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा के कार्यकाल में हुई हर सरकारी विभाग की भर्तियों की जांच करायेंगे. जल निगम में हुई भर्तियों की जांच बीते साल एसआईटी को दी गयी थी.

किन-किन पदों पर हुई है भर्तियां

जल निगम भर्ती में सहायक अभियंता, अवर अभियंता, नैतिक लिपिक और आशुलिपिक पदों पर भर्तियां हुई थी. इनमें सहायक अभियंता के 122, अवर अभियंता के 853, नैतिक लिपिक के 335, और आशुलिपिक के 32 पदों पर भर्तियां की गयी हैं.

किस-किस पर हुई है प्राथमिकी

इस प्राथमिकी में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान के ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद, तत्कालीन नगर विकास सचिव श्रीप्रकाश सिंह, जल निगम के प्रबंध निदेशक प्रेम कुमार आसुदानी, मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

क्या हुआ अब तक

इस मामले में भाजपा सरकार ने पिछले साल जुलाई में जांच शुरू की थी. इस जांच में यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि क्या नवंबर 2016 और फरवरी 2017 के बीच जल निगम भर्ती में गलत तरीके से लोगों को नौकरियां दी गयी थीं. इन भर्तियों के समय आजम खान जल निगम के चेयरमैन थे. इस मामले में 122 असिस्टेंट इंजीनियर को सरकार पहले ही बर्खास्त कर चुकी है. इससे पहले 22 सितंबर को एसआईटी का जल निगम के मुख्यालय पर छापा पड़ा था. पांच दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ हुई थी. अब तक इस मामले में आठ अफसरों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है.

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