पंचायत चुनाव के बाद यूपी में 2022 का किला फतह करने की फिराक में ओवैसी! राजभर की पार्टी के साथ मिलाया हाथ

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने अभी हाल ही के महीनों में समाप्त हुए उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में यहां के करीब 220 जिला पंचायत सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से करीब 10 फीसदी से कुछ कम यानी 24 प्रत्याशियों ने ही जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 12, 2021 10:14 PM

UP Assembly elections-2022 : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में प्रायोगिक तौर पर खुद को आजमाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का किला फतह करने की फिराक में अभी से ही जुट गए हैं. इसके लिए उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान सहयोगी पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बागी होकर नया दल बनाने वाले यूपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री ओम प्रकाश राजभर की पार्टी भागीदारी संकल्प मोर्चा (बीएसएम) के साथ हाथ मिलाया है.

बता दें कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने अभी हाल ही के महीनों में समाप्त हुए उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में यहां के करीब 220 जिला पंचायत सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से करीब 10 फीसदी से कुछ कम यानी 24 प्रत्याशियों ने ही जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की है. अब इस चुनाव में 10 फीसदी उम्मीदवारों को जीतने के बाद ओवैसी में इस बात की भी उम्मीद जग गई है कि अगर वे विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारते हैं, तो किला फतह कर सकते हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, जहां कहीं भी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी बीएसएम पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक नेताओं के नेतृत्व वाली पार्टियों से समर्थन पाने में नाकाम हो रही है, वहीं पर भाजपा राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) को भगवा गठबंधन में वापस लाने की कोशिश कर रही है. बता दें कि बीएसएम यूपी के नौ क्षेत्रीय दलों का एक संयुक्त संगठन है. यह बात दीगर है कि ओम प्रकाश राजभर कभी प्रदेश में योगी सरकार का हिस्सा भी थे. उन्होंने मतभेदों पर गठबंधन छोड़ने से पहले राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया है.

इस बीच, एआईएमआईएम यूपी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि पार्टी कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि अंतिम फैसला एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि एआईएमआईएम के यूपी में एंट्री से मुस्लिम वोटों का टूटना संभव है. इससे भगवा पार्टी को चुनाव में बढ़त दर्ज करने में मदद ही मिलेगी. फिलहाल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सीटें हैं, जिनमें से 306 सीटों पर भाजपा कब्जा है, जबकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल सपा के पास 49 सीटें हैं.

Also Read: जितिन प्रसाद को पिछले दरवाजे से योगी कैबिनेट में शामिल कराना नहीं होगा आसान, भाजपा के लिए साबित हो सकता है आत्मघाती फैसला

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version