मेरठ में कोराना संक्रमण से जुड़वा भाईयों की मौत, तीन दिन पहले आयी थी निगेटिव रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना संक्रमण से जुड़वां भाईयों की मौत कुछ घंटे के अंतराल पर हो गयी. मृतकों के माता पिता ने बताया कि 13 मई को उनके पास फोन आया की उनके 24 वर्षीय बेटे जोफ्रेड वर्गीज का निधन हो गया है. जबकि जोफ्रेड का जुड़वा भाई राल्फ्रेड उसी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2021 9:43 AM

उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोरोना संक्रमण से जुड़वां भाईयों की मौत कुछ घंटे के अंतराल पर हो गयी. मृतकों के माता पिता ने बताया कि 13 मई को उनके पास फोन आया की उनके 24 वर्षीय बेटे जोफ्रेड वर्गीज का निधन हो गया है. जबकि जोफ्रेड का जुड़वा भाई राल्फ्रेड उसी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था.

जोफ्रेड और राल्फ्रेड के माता पिता सोजा और ग्रेगरी रेमंड राफेल मेरठ के संत थॉमस स्कूल के शिक्षक हैं. माता-पिता का कहना है कि जब उन्होंने राफेल्ड से बात की, तो राल्फेड को तुरंत लगा कि कुछ गलत है, उसने मां से पूछा की तुम कुछ छुपा रहे हो. कुछ हुआ है और आप मुझे नहीं बता रहे हैं. इसके अगले दिन राफेल्ड ने भी कोरोना के आगे दम तोड़ दिया.

दोनो भाई बहुत ही मेहनती थे और पूरी तरह परिवार के लिए समर्पित थे. दोनो के जन्म में तीन मिनट अंतराल था और कुछ घंटों के अंतराल पर दोनों की मौत हो गयी. मृतकों के पिता राफेल ने कहा कि हमारा परिवार टूट गया. कोरोना वायरस ने दोनों बेटों को छीन लिया. उन्होंने कहा कि मेरे बेटों अपने पूरे जीवन में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया.

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राफेल दंपति 90 के दशक की शुरूआत में शादी के बाद केरल से मेरठ में आकर बस गये थे. उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को उनके दोनों बेटों को बुखार हुआ था. जो कई दिनों तक चला. उन्होंने दवा ली लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ. 1 मई के आसपास उनका ऑक्सीजन लेवल नीचे जाने के कारण उन्हें मेरठ के आंनद अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया.

हालांकि 10 मई को दोनो की रिपोर्ट निगेटिव आयी. पर इसके तीन दिन बाद ही राफेल और सोजा की जिंदगी उजड़ गयी. पिता राफेल ने कहा कि जब जोफ्रेड की मौत हुई तो उन्हें लग रहा था की राल्फ्रेड इस सदमें को बर्दाश्त नहीं कर पायेगा. क्योंकि वो बचपन से ही अविभाज्य थे.

दोनों की भाईयों ने कोयंबटूर के करुण्या विश्वविद्यालय से एक साथ बीटेक किया और अपने अंतिम वर्ष में प्लेसमेंट हासिल किया. जोफ्रेड एक्सेंचर प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था, वहीं राल्फ्रेड हुंडई कंपनी में था. जोफ्रेड कुछ समय के लिए मेरठ में था और घर से काम कर रहा था. जबकि राल्फरेड हाथ की चोट के कारण अपने हैदराबाद कार्यालय से छुट्टी पर आया था.

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पिता राफेल ने कहा कि मेरे बेटे पवित्र थे और इसके लायक नहीं थे. जब भी मुझे दर्द होता वे मेरे पैरों की मालिश करते थे. उन्हें घर पर रहना, घर का काम करना, यहां तक ​​कि खाना बनाना भी अच्छा लगता था. परिवार ताकत पाने के लिए प्रार्थना सभाएं कर रहा है. हालांकि राफेल यह स्वीकार करते हैं भगवान से उनका विश्वास हिल गया है. राफेल आगे कहते हैं कि “मुझे आशा है कि दोनों भाई एक साथ शांति से हैं “

Posted By: Pawan Singh

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