अग्निपथ पर BJP नेताओं की बयानबाजी से भ्रमित होंगे युवा, मायावती की अपील- संकीर्ण राजनीति बंद करे भाजपा

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, केन्द्र की अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित. जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हो.

By Prabhat Khabar | June 20, 2022 11:30 AM

Lucknow News: सेना में भर्ती के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया है. इस योजना के खिलाफ देशभर के युवाओं में भारी उबाल देखा जा रहा है. इस बीच अब राजनीतिक पार्टियां भी योजना के विरोध में सामने आ चुकी हैं. इस क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी नेताओं की भ्रमित करने वाली बयानबाजी तत्काल बंद करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार का जमकर घेराव किया है.

यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट कर लिखा, केन्द्र की अग्निपथ नई सैन्य भर्ती स्कीम देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुडी होने के बावजूद भाजपा नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित. जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हो.

उन्होने आगे कहा कि, देश को अचंभित करने वाली नई ’अग्निपथ’ सैन्य भर्ती योजना, सरकार द्वारा नोटबन्दी व तालाबन्दी आदि की तरह ही, अचानक व काफी आपाधापी में थोपी जा रही है, जिससे प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे.

दरअसल, यह पहला मौका नहीं है, जब अग्निपथ को लेकर मायावती ने अपना बयान जारी किया है, इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर लिखा, उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट कर लिखा, ऐसे समय में जब मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी में से खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे जीवन संघर्ष को मजबूर हैं, उन्हें केन्द्र की अल्पावधि ’अग्निपथ’ सैन्य भर्ती स्कीम ने काफी निराश व हताश किया है.

मायावती ने आगे कहा कि, केन्द्र द्वारा रेलवे, सेना व अर्द्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या व संभावना को अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के हिम्मतवर नौजवान काफी असहाय व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, तथा भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है, जिसे सही से संभालना जरूरी. केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि देश के भविष्य इन पीड़ित नौजवानों के दर्द व इनके भविष्य के मुद्दे को गंभीरता से लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से सम्बंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले. नौजवानों से भी अपील है कि वे संयम जरूर बरतें.

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