कानपुर अपहरण मामले में सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, एडिशनल एसपी सहित 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड होनेवाले दो अन्य पुलिसकर्मियों में तत्कालीन एसओ बर्रा रणजीत राय एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार शामिल है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2020 1:31 PM

कानपुर : बर्रा अपहरण कांड समेत कई मामलों में कानपुर पुलिस की भूमिका से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड होनेवाले दो अन्य पुलिसकर्मियों में तत्कालीन एसओ बर्रा रणजीत राय एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार शामिल है.


योगी ने जतायी नाराजगी

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सीएम योगी ने कानपुर आइजी मोहित अग्रवाल, एडीजी जेएन सिंह और एसएसपी दिनेश पी की कार्यप्रणाली से नाराजगी जतायी है. कहा जा रहा है कि अपराध की घटनाओं को लेकर सीएम योगी इन अधिकारियों से बेहद नाराज हैं. योगी ने कहा है कि कानपुर के पुलिस वालों ने कानून व्यवस्था को लेकर मेरे चल रहे अभियान को धक्का पहुंचाया है. इन पर सख्त करवाई की जरूरत है.

उल्लेखनीय है कि एक महीने के भीतर कानपुर में हुए इन दो बड़े कांड ने विपक्षी दलों को यूपी सरकार का घेराव करने का मौका दे दिया. इस दो घटनाओं के बीच अमेठी में सेना के जवान के पिता की धारदार हथियार से हत्या और गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी के हत्याकांड ने आग में घी डालने जैसा काम किया.

क्या है बर्रा अपहरण कांड

उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला आजकल खूब चर्चा में है. बिकरू कांड फिर बर्रा अपहरण कांड ने कानपुर को पिछले एक माह से चर्चा में रखा है. इन दोनों घटनाओं में यूपी पुलिस के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं. ताजा मामला कानपुर शहर के बर्रा निवासी लैब टैक्नीशियन संजीत यादव का है. करीब एक माह पहले 22 जून की रात को हॉस्पिटल से घर आने के दौरान अपहरण हो गया था. इस मामले में कानपुर पुलिस की भूमिका शुरुआत से ही सवालों के घेरे मे रही है. चौतरफा किरकिरी होने के करीब एक महीने बाद पुलिस ने बर्रा अपहरण कांड का खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, सभी संजीत के दोस्त हैं. इस अपहरणकांड का मास्टरमाइंड ज्ञानेंद्र यादव था. पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने कबूला कि 26 जून संजीत की हत्या कर उसका शव पांडु नदी में बहा दिया था. आरोप है कि पुलिस ने ही फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को देने के लिए कहा था, लेकिन फिरौती का पैसा देने के बाद भी संजीत घर नहीं लौटा.

posted by ashish jha

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