ज्ञानवापी विवाद : मस्जिदों के अपमान को मुसलमान नहीं करेंगे बर्दाश्त- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा बयान

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी प्रकरण में भले ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पक्षकार नहीं है, लेकिन वह भी कमर कस कर अखाड़े में कूदने की तैयारी में है. मंगलवार को बुलाई गई बोर्ड की आपातकालीन बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने काफी सख्त टिप्पणी की है.

By Prabhat Khabar | May 19, 2022 6:43 AM

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी प्रकरण में भले ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) पक्षकार नहीं है, लेकिन वह भी कमर कस कर अखाड़े में कूदने की तैयारी में है. मंगलवार को बुलाई गई बोर्ड की आपातकालीन बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने काफी सख्त बयान जारी किया है. बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा है कि मस्जिदों के अपमान को मुसलमान कदापि गवारा नहीं कर सकते, साम्प्रदायिक शक्तियां अराजकता पर उतारू हैं और अदालतें भी पीड़ितों को निराश कर रही हैं .

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और अन्य मस्जिदों से संबंधित सभी मामलों की विस्तार से समीक्षा करेगी ताकि उसी के आधार पर वह आगे की कानूनी लड़ाई लड़ी जा सके.ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर यूपी सरकार, केंद्र सरकार और खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाले राजनीति दल खामोश बैठ गए हैं. वहीं कोर्ट ने भी अल्पसंख्यक और पीड़ितों को निराश किया है

Also Read: UP: स्कूलों में होगा धर्मस्थलों से उतारे गए माइक व लाउडस्पीकरों का प्रयोग, सीएम योगी ने दिए ये निर्देश

बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर मंगलवार को आपातकाली बैठक की थी. जिसमें तय हुआ कि बाबरी मस्जिद की तरह देश की दूसरी मस्जिदों को हाथ से नहीं जाने देंगे, वो चाहे काशी की ज्ञानवापी मस्जिद हो या फिर मथुरा की शाही ईदगाह का मामला हो. बोर्ड ने ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग वाले स्थान को सील करने के कोर्ट के आदेश को गलत ठहराया गया. साथ ही कहा गया कि वह इन मामलों में गंभीरता से आगे बढ़ेगा. बैठक में मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की गई तथा इसे देश की अमन-शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया गया. बोर्ड ने अपनी बैठक में इस बात पर भी सहमति जताई कि वे सीधे तौर पर इन मामलों के साथ नहीं जुड़ने वाले हैं. लेकिन उनकी तरफ से मुस्लिम वकीलों की हर संभव मदद की जाएगी.

Next Article

Exit mobile version