BDS अब साढ़े पांच साल में होगा, DCI ने पाठ्यक्रम में बदलाव का खाका किया तैयार

एमबीबीएस की तरह ही बीडीएस में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा. कोर्स साढ़े पांच साल का होगा. इंडियन डेंटल एसोसिएशन के डेंटल शो में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के अध्यक्ष डॉ. डी मजूमदार (Dr. D Majumdar) ने यह जानकारी दी.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 3, 2022 8:50 PM

Lucknow: अब बीडीएस (BDS) की डिग्री हासिल करने के लिए 5 की जगह साढ़े पांच साल का समय लगेगा. डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के अध्यक्ष डॉ. डी मजूमदार (Dr. D Majumdar) ने यह जानकारी शनिवार को लखनऊ में दी. वह इंडियन डेंटल एसोसिएशन की तरफ से आयोजित डेंटल शो में मुख्य अतिथि थे.

डेंटल ब्रदर ऑफ इंडिया के सुझाव पर हो रहा बदलाव

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में DCI Chairman डॉ. डी. मजूमदार ने कहा कि बीडीएस (BDS) कोर्स की अवधि एमबीबीएस (MBBS) के बराबर की जाएगी. इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी चल रही है. अभी इंटर्नशिप मिलाकर 5 साल का कोर्स है. इस कोर्स को अब छह माह बढ़ाया जाएगा. डेंटल ब्रदर ऑफ इंडिया ने अपनी 1700 पेज की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है. इसमें डेंटल की पढ़ाई में बदलाव के बहुत से सुझाव शामिल है.

बीडीएस में होंगे कुल 9 सेमेस्टर

डॉ. मजूमदार ने कहा कि पूरी दुनिया में अब मेडिकल साइंस की पढ़ाई एक ही पैटर्न पर हो इस पर मंथन चल रहा है. बीडीएस में भी सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाएगा. कुल 9 सेमेस्टर होंगे. अभी साल में एक बार ही छात्रों को परीक्षा देनी होती है. भविष्य में एमबीबीएस की तरह हर छह माह में परीक्षा होगी.

डीसीआई का फैसला क्रांतिकारी कदम: डॉ. आशीष खरे 

लखनऊ के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. आशीष खरे ने कहा कि डीसीआई का यह फैसला आने वाले समय में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि उच्च शिक्षा की भांति डेंटल में भी पाठ्यक्रम में आमूलचूल बदलाव आए. इसी वजह से डॉक्टरी की पढ़ाई में अब खेल, संगीत, योगा आदि को जोड़ा जा रहा है.

इमरजेंसी ट्रीटमेंट भी करेंगे डेंटिस्ट

एक फैसला और हुआ है कि अब सरकारी और निजी कॉलेजों में जो भी सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी. उसमें एक ही प्रश्न पत्र होगा और ठीक परीक्षा से पहले ही उसे अभ्यर्थी को दिया जाएगा. इसके अलावा दंत चिकित्सक (Dentist) को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह इमरजेंसी में किसी भी बीमारी का इलाज कर घायल की मदद करने में सक्षम होगा.

Next Article

Exit mobile version