चुनाव से पहले बाहुबली नेता उमाकांत यादव की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में नहींं दी जमानत

UP Chunav 2022: आजमगढ़ के खुट्टहन सीट से उमाकांत यादव पहली बार 1991 में बसपा के विधायक बने. दोबारा वे खुट्टहन सीट से ही सपा-बसपा गठबंधन के तहत चुनाव जीते और विधायक बने.

By Prabhat Khabar | December 7, 2021 7:39 AM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्वांचल के बाहुबली से माननीय बने उमाकांत यादव की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका खारिज की. हाईकोर्ट ने कहा कि याची ने जमानत अर्जी में अपने खिलाफ दर्ज अपराधिक इतिहास जैसे महत्वपूर्ण तथ्यों को कोर्ट से छुपाया है. यह कहते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने याची उमाकांत यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

बाहुबली उमाकांत यादव के खिलाफ आजमगढ़ के थानों में हत्या, लूटपाट, मारपीट जैसे करीब 18 मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ दीदारगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी FIR दर्ज है. उमाकांत पर आरोप है कि वह गैंग बनाकर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं. याची भी उस गैंग का सदस्य है.

न्यायमूर्ति अजय भनोट की अदालत ने स्पष्ट कहा की याची के विरुद्ध करीब 18 मामले भिन्न-भिन्न थानों में दर्ज है. जमानत याचिका में इन महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया गया है. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.

आजमगढ़ के खुट्टहन सीट से उमाकांत यादव पहली बार 1991 में बसपा के विधायक बने. दोबारा वे खुट्टहन सीट से ही सपा-बसपा गठबंधन के तहत चुनाव जीते और विधायक बने. 1996 में उमाकांत यादव ने पाला बदल लिया और तीसरी बार सपा के टिकट से सदन पहुंचे.

वहीं 2002 में उमाकांत यादव को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2004 के संसदीय चुनाव में उमाकांत यादव ने मछली शहर सीट से बीजेपी के केशरी नाथ त्रिपाठी को चुनाव हराकर संसद पहुंचे

Also Read: हरिशंकर तिवारी के विधायक बेटे सहित परिवार के तीन लोगों पर मायावती ने की कार्रवाई, बसपा से निकाला

इनपुट : एसके इलाहाबादी

Next Article

Exit mobile version