Aligarh News: ADA ने सील की जादौन इंफ्राटेक की बिल्डिंग, सरकारी जमीन का कराया था बैनामा, 11 पर मुकदमा

अलीगढ़ एडीए ने मैरिस रोड स्थित सरकारी जमीन का बैनामा कर बनाई गई जादौन इंफ्राटेक की बिल्डिंग को सील कर दिया है. मामले में जादौन इंफ्राटेक समेत 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था.

By Prabhat Khabar | May 15, 2022 6:24 PM

Aligarh News: अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (ADA) ने मैरिस रोड स्थित सरकारी जमीन का बैनामा कर बनाई गई जादौन इंफ्राटेक की बिल्डिंग को सील कर दिया है. मामले में जादौन इंफ्राटेक समेत 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसके बाद बिल्डिंग सील करने की कार्रवाई की गई है.

एडीए ने की बहुमंजिला इमारत सील

अलीगढ़ मैरिस रोड स्थित जादौन इंफ्राटेक निर्माणाधीन अपार्टमेंट को अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने सील कर दिया. एडीए का मानना है कि स्वीकृत नक्शे के खिलाफ निर्माण हुआ है. अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के वीसी गौरांग राठी ने बताया कि निर्धारित नक्शा और निर्माण के नियमों की जांच 2020 और 2021 में कराई गई थी. जिसमें निर्माण नक्शे के विपरीत पाया गया, तो इस फर्म के संचालकों को नोटिस दिया गया था, जिसके बाद अब बिल्डिंग को सील कर दिया गया है.

सरकारी जमीन का बैनामा कर बनाई बहुमंजिला इमारत

अलीगढ़ के मैरिस रोड पर जादौन इंफ्राटेक की ओर से बहुमंजिला फ्लैट बनाए जा रहे थे. क्षेत्रीय लेखपाल अवधेश कुमार की ओर से थाना सिविल लाइंस में दायर मुकदमे में जादौन इंफ्राटेक के द्वारा सरकारी जमीन का बैनामा कराने और निर्माण कार्य करने को लेकर जिक्र किया गया.

जादौन इंफ्राटेक समेत 11 पर मुकदमा

सरकारी जमीन का बैनामा कर निर्माण करने पर मैसर्स जादौन इंफ्राटेक, सुनील कुमार चौहान, अर्जुन सिंह, सुनीता देवी, विजय कुमार सिंह, योगेंद्र पाल सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, प्रमोद कुमार राणा, अशनीत पाल सिंह, परमजीत सिंह, राजेंद्र पाल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

जांच में जमीन को पाया गया सरकारी

जांच में कहा गया था कि 1928 में म्युनिसिपल बोर्ड ने हैदर को यह जमीन बेची थी. 2003 में वही जमीन विजय बजाज को बेच दी. लेकिन 5800 वर्ग मीटर जमीन शेष रह गई थी, यह सरकारी है. 1982 में यह जमीन राज्य सरकार के नाम निहित हो गई. 2018 में इसी जमीन का बैनामा जादौन इंफ्राटेक ने कराया.

कार्रवाई को बिल्डर्स ने बताया गलत

जादौन बिल्डर्स ने कहा कि इस जमीन का कुल रकवा 10000 वर्ग मीटर है. 1926 में जमीन म्युनिसिपल बोर्ड से खरीदी गई थी, जो कि एक सरकारी विभाग है. इसमें 4498 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा 2018 में कराया गया. प्रशासन द्वारा हेराफेरी करके दबाव बनाया जा रहा है, की गई कार्यवाही गलत है.

रिपोर्ट- चमन शर्मा

Next Article

Exit mobile version