बिजली संकट और गन्ना मूल्य भुगतान पर विधानसभा में हंगामा

-राजेन्द्र कुमार लखनऊ : यूपी का बिजली संकट और गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान अखिलेश सरकार के लिए संकट का सबब बनता जा रहा है. बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान तथा बिजली के संकट को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला. भाजपा, रालोद, कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2014 7:20 PM

-राजेन्द्र कुमार

लखनऊ : यूपी का बिजली संकट और गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान अखिलेश सरकार के लिए संकट का सबब बनता जा रहा है. बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान तथा बिजली के संकट को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोला.

भाजपा, रालोद, कांग्रेस और बसपा के सदस्यों ने गन्ना के बकाये भुगतान जल्द करवाने तथा बिजली संकट को लेकर अखिलेश सरकार को घेरा. विपक्ष के सामूहिक हमले से घबराते हुए सरकार ने गन्ने मूल्य के बकाए का जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया. बिजली के संकट का संकट भी जल्द खत्म करने का वायदा सरकार की तरफ से किया गया पर सरकार के आश्वासन से असन्तुष्ट हो विपक्षी दलों ने सदन का वाकआउट किया.

बुधवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही भाजपा के नेता विधानमण्डल दल सुरेश कुमार खन्ना, बसपा के धर्मपाल सिंह और कांग्रेस के पंकज मलिक ने गन्ना किसानों का सरकारी व प्राईवेट चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य का सवाल उठाया. तो सरकार की तरफ से बताया गया कि गत 14 नवम्बर तक निगम एवं सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों पर गन्ना मूल्य के मद में कोई धनराशि बकाया नहीं है.

जबकि निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को 1750.43 करोड़ का गन्ना किसानों को देने हैं. सरकार के इस जवाब पर भाजपा के सुरेश खन्ना ने पूछा कि निजी चीनी मिलों ने सरकार के निर्देश के बाद भी गन्ना किसानों की उनकी यह रकम क्यों नहीं दी. इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले को देखा जाएगा कि आखिर भुगतान क्यों नहीं हुआ.

गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर सरकार द्वारा दिये गये जवाब से असंतुष्ट होकर जहां भाजपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन किया वहीं रालोद सदस्यों ने सरकार को समय से गन्ना मूल्य भुगतान कराने में असमर्थ बताते हुए सदन का बहिष्कार किया.

इस विवाद के कुछ समय बाद प्रदेश के बिजली संकट का मामला भाजपा के सतीश महाना ने उठाया. उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि बिजली की अधूरी परियोजनाओं को कब तक पूरा किया जाएगा. इसपर ऊर्जा राज्य मंत्री यासिर शाह ने आश्वासन दिया कि 2016 तक शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 22 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी.

बिजली की पर्याप्त आपूर्ति न होने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि यदि पर्याप्त कोयला और बिजली का कोटा बढ़ा दिया जायेगा तो बिजली को लेकर सरकार को जनता के विरोध का सामना न करना पडे़. उन्होंने कहा कि जो कोटा कोयले का है यदि वही मिल जाये तो भी पर्याप्त बिजली की आपूर्ति की जा सकती है. जिस दिन से केन्द्र में भाजपा सरकार सत्तारूढ़ हुई है. दोनों की आपूर्ति में कमी आयी है.

संसदीय कार्यमंत्री मो. आज़म खां ने आनपरा, पारीक्षा, पनकी, ओबरा को मानक के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं आपूर्ति किया जा रहा है. उन्होंने भाजपा सदस्यों की ओर इंगित करते हुए कहा कि केन्द्र में सरकार बनने के बाद भी प्रदेश अंधेरे में है. बिजली को लेकर भाजपा और सपा सदस्यों की नोक-झोंक को नूराकुश्ती बताते हुए बसपा सदस्यों ने सदन से वाक आउट किया.

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