Sambalpur News: काल बैसाखी के कारण बारिश से फसल को हुए नुकसान का तहसीलदार ने आकलन शुरू किया
Sambalpur News: भटली तहसीलदार रामकृष्ण मिश्रा ने काल बैसाखी के कारण हुई बारिश से फसल को हुए नुकसान का जायजा लिया.
Sambalpur News: बरगढ़ जिले में पिछले दिनों काल बैसाखी के प्रभाव में हुई बारिश और आंधी से धान व सब्जियों की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. इसका आकलन करने के लिए रविवार को भटली तहसीलदार रामकृष्ण मिश्रा ने ब्लॉक कृषि अधिकारी देवाशीष खमारी, सुलसुलिया राजस्व निरीक्षक मनोरंजन लुहा और हातिस राजस्व निरीक्षक कुनू प्रधान के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने जयपुर, गौड़पाली, नारंगपुर और बिखरा गांवों में प्रभावित फसलों का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया.
120 हेक्टेयर में धान और सब्जी की फसलों को पहुंचा है नुकसान
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान लगाया गया है कि प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 120 हेक्टेयर धान और सब्जी की फसलें काल बैसाखी से प्रभावित हुई हैं. बरगढ़ जिले में धान की फसल काटने की स्थिति में है. जिले के कुछ अलग-अलग इलाकों में किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी है. ऐसे समय में काल बैसाखी के प्रभाव में हुई बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. मूसलाधार बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण जिले के कई हिस्सों में धान समेत अन्य फसलें नष्ट हो गयी हैं. मौसम विभाग ने आगे भी आंधी-तूफान की आशंका जतायी है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. इधर, शनिवार की शाम हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण जिले के भटली प्रखंड अंतर्गत नारंगपुर पंचायत के जयपुर, झिकिझिकी, कहलनमुंडा, गौड़ापाली, नारंगपुर, बिक्खाराम, काशीपाली, सान अमलीपाली, जयपुर आदि गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है.
जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिले
तहसीलदार के निरीक्षण के दौरान उपस्थित किसानों ने कहा कि राज्य के विशेष राहत आयुक्त की ओर से घोषित सहायता राशि नाममात्र की है. किसानों ने मांग की है कि जिन प्रभावित किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिलाने के लिए उचित कदम उठाये जायें तथा राज्य सरकार की अप्रत्यक्ष मुआवजा सहायता राशि पर पुनर्विचार किया जाये. दूसरी ओर, तीन दिन पूर्व भटली प्रखंड अंतर्गत हल्दीपाली पंचायत के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश व ओलावृष्टि के कारण धान व सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा है. फसल को हुए नुकसान का नियमित आधार पर आकलन किया जा रहा है. हालांकि, इसी तरह के नुकसान का अनुमान पहले भी लगाया गया था और कई प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा या बीमा सहायता नहीं मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
