उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से राहत: बोले CJI- विधानसभा स्पीकर न लें शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला

उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दी थी. पहला मामला 16 बागी विधायकों से जुड़ा था. और दूसरी याचिका राज्यपाल के फैसले के खिलाफ था जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया था. इन दोनों मुद्दों पर आज सुप्रीम में सुनवाई हुई.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 11, 2022 1:22 PM

महाराष्ट्र में 16 बागी विधायकों और राज्यपाल के फैसले को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष से उद्धव ठाकरे के धड़े के 16 बागी विधायकों वाले मामले में कोई फैसला लेने से मना किया है. उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल को उनके निर्देश विधानसभा के नए अध्यक्ष तक पहुंचाने को कहा है. बता दें, उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों वाले गुट की ओर से दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुनवाई से पहले वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा में कल यानी मंगलवार को विधायकों की अयोग्यता वाले मामले में सुनवाई होगी. सिब्बल ने कहा कि अगर कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी तो विधानसभा में मामला खारिज कर दिया जाएगा. इस पर चीफ जस्टिस ने स्पीकर को इस मामले में अभी फैसला नहीं लेने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बेंच का गठन तुरंत नहीं हो सकता.

दरअसल, उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दी थी. पहला मामला 16 बागी विधायकों से जुड़ा था. और दूसरी याचिका राज्यपाल के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें राज्यपाल ने वर्तमान में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. इन दोनों मुद्दों पर आज सुप्रीम में सुनवाई हुई.

शिवसेना विधायक को इकाई प्रमुख के पद से हटाया गया: इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हुए विधायक संतोष बांगर को शिवसेना ने अपनी हिंगोली जिला इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने सोमवार को बांगर को पद से हटाने की घोषणा की और कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्रवाई शुरू की गयी थी. मराठी प्रकाशन ने कहा कि सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के आदेश पर कार्रवाई की गयी. बांगर चार जुलाई को विधानसभा में सरकार के शक्ति परीक्षण से कुछ घंटे पहले शिंदे खेमे में शामिल हुए थे.
भाषा इनपुट के साथ

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