MP : सियासी संकट के बीच कमलनाथ के तबादला-नियुक्ति आदेश पर राज्यपाल ने लगायी रोक

MP में जारी सियासी संकट के बीच CM Kamal Nath लगातार नियुक्ति और तबादला संबंधी आदेश जारी कर रहे हैं. कमलनाथ ने कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाकर इसकी शुरुआत की. इसके बाद पिछले दो दिनों में तबादला और नियुक्तियों की झड़ी लग गयी है.

By AvinishKumar Mishra | March 18, 2020 1:08 PM

भोपाल : मध्यप्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार नियुक्ति और तबादला संबंधी आदेश जारी कर रहे हैं. कमलनाथ ने कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाकर इसकी शुरुआत की. इसके बाद पिछले दो दिनों में तबादला और नियुक्तियों की झड़ी लग गयी है. वहीं बीजेपी इन सभी तबादलों और नियुक्तियों को असंवैधानिक बता रही है.

धनोपिया और तिवारी को निगम मंडल में नियुक्ति– सरकार ने सियासी रस्साकसी के बीच कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया को अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का चैयरमेन, कांग्रेस नेता अभय तिवारी को युवा आयोग का अध्यक्ष और गजेंद्र सिंह कालूखेड़ा को अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया है. वहीं, महिला आयोग में शोभा ओझा के साथ पांच सदस्यों की भी नियुक्ति की गयी है.

मुख्य सचिव बदले- कमलनाथ निगम मंडल नियुक्ति के साथ ही प्रशासनिक नियुक्ति भी लगातर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले राज्य के मुख्य सचिव एसआर मोहंती को हटाकर गोपाल रेड्डी को इस पद पर बैठाया. इसके आलावा इच्छित नागपाले को छिंदवाड़ा नगर आयुक्त से हटाकर उनके बदले राजेश शाही को इस पद पर बैठाया है.

30 से अधिक पुलिस अधिकारी बदले- राज्य में 30 से अधिक पुलिस अधिकारी और 20 से अधिक स्वास्थ्य अधिकारी को बदला गया है. मुख्यमंत्री ने इसके अलावा दो कलेक्टर लेवल के अधिकारियों का भी ट्रासंफर किया है.

राज्यपाल ने अटकाई फाइलें- राज्यपाल लालजी टंडन ने नियुक्ति के फाइलों को अटका दिया है. इसके अलावा, राज्यपाल ने मध्यप्रदेश के पीएससी सदस्यों की नियुक्ति फाइल को भी लौटा दिया है. वहीं, राजभवन के सूत्रों का कहना कि राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.

आज तीन जिला बनाने का प्रस्ताव हो सकता है पास– मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कैबिनेट बैठक बुलायी है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस बैठक में तीन जिले के प्रस्ताव को कैबिनेट से पास करा सकते हैं. इसके अलावा, राज्य में कर्मचारियों को पर्मानेंट करने का आदेश भी जारी किया जा सकता है. मुख्यमंत्री अतिथि विद्वानों को भी स्थाई करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट से पास करा सकते हैं.

भाजपा ने किया हमला– भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार हो रही नियुक्ति और तबादले को असंवैधानिक कहा है. शिवराज ने राज्यपाल से मुलाकात कर इन नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार भी लगायी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा है कि सभी अधिकारियों की फाइल बना रहा हूं, जो भी गलत कर रहे हैं उनको छोड़ा नहीं जायेगा.

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