पश्चिम बंगाल : शेर का नाम अकबर व शेरनी का नाम सीता रखने पर विवाद

जानकारी के अनुसार, शेर-शेरनी के जोड़े को हाल ही में त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से लाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शेरों का नाम नहीं बदला है. 13 फरवरी को यहां आने से पहले ही उनका नाम रखा जा चुका था.

By Shinki Singh | February 17, 2024 6:07 PM

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी (Silguri) में अकबर नाम के शेर को सीता नामक शेरनी के साथ रखने पर विवाद हो गया है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की बंगाल इकाई ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है. इसके खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. विहिप की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य की पीठ के समक्ष याचिका दायर की गयी, जिस पर 20 फरवरी को सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता की मांग है कि शेरों के जोड़े का नाम बदला जाये.

20 को होगी मामले की सुनवाई

जानकारी के अनुसार, इस शेर-शेरनी के जोड़े को हाल ही में त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से लाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शेरों का नाम नहीं बदला है. 13 फरवरी को यहां आने से पहले ही उनका नाम रखा जा चुका था. विहिप का कहना है कि शेरों का नाम राज्य के वन विभाग द्वारा रखा गया था और ”अकबर” के साथ ”सीता” रखना हिंदू धर्म का अपमान है. हम इनका नाम बदलने की मांग करते हैं. इस मामले में राज्य के वन अधिकारियों और सफारी पार्क के निदेशक को मामले में पक्षकार बनाया गया है.

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अकबर और सीता के नाम ने कर दिया है विवाद पैदा

अकबर और सीता के नाम ने विवाद पैदा कर दिया है. अकबर भारत में मुगल साम्राज्य का एक मुस्लिम राजा था, जबकि सीता, हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, भगवान राम की पत्नी के रूप में जानी जाती हैं, जो भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक हैं. विहिप ने आरोप लगाया है कि जीवों का नामकरण राज्य के वन विभाग द्वारा किया गया था. अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया है कि सफारी पार्क में ‘अकबर’ के साथ ‘सीता’ को रखना हिंदू धर्म का अपमान होगा और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा. उन्होंने अनुरोध किया है कि शेरनी का नाम बदल दिया जाए.

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