Seraikela Kharsawan News : धीमी रफ्तार से बन रहा सीएचसी दो साल में एक फ्लोर भी अधूरा

10.38 करोड़ की परियोजना अटकी, स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर

By ATUL PATHAK | December 10, 2025 12:03 AM

खरसावां. खरसावां के ब्लॉक कैंपस में बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. करीब 10.38 करोड़ से वित्तीय वर्ष 2022-23 में खरसावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नये भवन के निर्माण को स्वीकृति दी गयी थी. लेकिन अब तक एक फ्लोर का भी निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. निर्माणाधीन सीएचसी भवन में पिलर खड़ा कर लिंटेन तक की ढलाई की गयी है. कार्यस्थल पर योजना से संबंधित डिस्प्ले बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. इससे लोगों को योजना के प्राक्कलन से लेकर किसी अन्य तरह की जानकारी भी नहीं मिल पा रही है. सीएचसी का नया भवन पूर्ण नहीं होने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है. वर्तमान में जिस पुराने भवन में सीएसची का संचालन हो रहा है, वहां जगह की कमी के कारण मरीजों को कई सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ब्लॉक कैंपस में सीएचसी के नये भवन बनने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी.

विधायक दशरथ गागराई ने विस में उठाया निर्माण कार्य में लेटलतीफी का मामला:

खरसावां सीएचसी के नये भवन के निर्माण में हो रही देरी का मामला खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने मंगलवार को विस में उठाया. शून्यकाल के दौरान उन्होंने इस मामले को उठाते हुए कहा कि सीएचसी के नये भवन का निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 को स्वीकृत इस योजना को अब तक पूर्ण हो जाना था. लेकिन 50 फीसदी भौतिक लक्ष्य भी अब तक हासिल नहीं किया जा सका है.

75 साल पुराने खपरैल के घर में चल रहा कम्युनिटी हेल्थ सेंटर

वर्तमान में खरसावां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजबाड़ी के सामने करीब 75 साल से भी पुराने खपरैल के भवन में चल रहा है. अस्पताल का ओपीडी, ड्रेसिंग रूम, मेडिसिन स्टोर पुराने खपरैल मकान में चल रहा है. यहां मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह की भारी कमी है. इस कारण आइपीडी की व्यवस्था नहीं की गयी है. विशेष परिस्थिति के लिए छह बेड लगाये गये हैं. यहां मुश्किल से मरीजों का प्राथमिक उपचार ही हो पाता है. किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की स्थिति में सरायकेला सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. दूसरी ओर खरसावां से करीब तीन किमी दूर हरिभंजा के पीएचसी परिसर में लेबर रूम बनाया गया है, जहां गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है.

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