आतंकी मुठभेड़ में साहिबगंज के कुलदीप शहीद, सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम में थे कुलदीप उरांव

साहिबगंज निवासी कुलदीप उरांव गुरुवार रात श्रीनगर के मलबाग इलाके में आतंकी हमले में शहीद हो गये. वे सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम के सदस्य थे.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 4, 2020 1:40 AM

साहिबगंज : साहिबगंज निवासी कुलदीप उरांव गुरुवार रात श्रीनगर के मलबाग इलाके में आतंकी हमले में शहीद हो गये. वे सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम के सदस्य थे. शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम रांची पहुंचा. िबरसा मुंडा एयरपोर्ट से 133 बटालियन कैंप से धुर्वा ले जाया गया. यहां मुख्यमंत्री ने शहीद के पािर्थव शरीर पर पुष्प अिर्पत िकये. शनिवार को पार्थिव शरीर सािहबगंज ले जाया जायेगा, जहां पैतृक जमीन पर राजकीय सम्मान के साथ शहीद को दफनाया जायेगा.

अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार रात करीब 10:15 बजे सुरक्षाबलों का एक दल नियमित गश्त पर मलबाग के जकूरा इलाके से गुजर रहा था. इसी दौरान जवानों को एक स्कूल के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखीं. जवान जैसे ही उस ओर बढ़े, आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी. इसमें सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गये. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां कुलदीप की मौत हो गयी. जवानों ने इस मुठभेड़ में एक आतंकी को भी मार गिराया, उसका नाम सज्जाद अहमद मल्लाह बताया जा रहा है. कुलदीप के पिता घनश्याम उरांव भी सीआरपीएफ जवान थे. वे 2007 में रिटायर हुए हैं.

फिलहाल वे शहर के नंबर वार्ड 28 के पार्षद हैं. बेटे की शहादत पर भावुक श्री उरांव ने कहा : मैंने बेटा खोया है, लेकिन गम नहीं है. बेटा देश की रक्षा में शहीद हुआ है, यह क्या कम है. कुलदीप की शादी 2009 में हुई थी. कुलदीप को एक बेटा और एक बेटी है. पत्नी वंदना उरांव पश्चिम बंगाल पुलिस में है. 24 परगना के सैदपुर में सिपाही के पद पर तैनात वंदना सड़क मार्ग से शुक्रवार शाम घर पहुंची. यहां रो-रोकर उसका बुरा हाल है. ‘अब हमारा देखभाल कौन करेगा’, यह कहते-कहते वह बार-बार बेहोश हो जा रही थी. वहीं, उसे ढांढ़स बंधानेवाले भी भावुक हो जा रहे थे.

कुलदीप उरांव की शहादत पर पूरे राष्ट्र को गर्व है – हेमंत : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रीनगर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ जवान कुलदीप उरांव की शहादत को नमन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि साहेबगंज निवासी जवान कुलदीप उरांव की शहादत पर पूरे राष्ट्र को गर्व है. इस मुश्किल घड़ी में मेरी संवेदनाएं शहीद के परिजनों के साथ हैं.

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