1.10 लाख की आबादी 420 चापाकल पर आश्रित

जल संकट. स्वच्छता प्रमंडल से 36 हजार लीटर पानी की होती आपूर्ति शहर के आठ वाटर प्लांट से 24000 लीटर की प्रतिदिन होती है बिक्री साहिबगंज : शहरी क्षेत्र के 28 वार्ड की 1.10 लाख की आबादी महज 420 चापाकल है. शहरी क्षेत्रों में पीएचइडी, नगर पर्षद व रेलवे द्वारा उपलब्ध सुविधा ही पेयजल का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2017 5:53 AM

जल संकट. स्वच्छता प्रमंडल से 36 हजार लीटर पानी की होती आपूर्ति

शहर के आठ वाटर प्लांट से 24000 लीटर की प्रतिदिन होती है बिक्री
साहिबगंज : शहरी क्षेत्र के 28 वार्ड की 1.10 लाख की आबादी महज 420 चापाकल है. शहरी क्षेत्रों में पीएचइडी, नगर पर्षद व रेलवे द्वारा उपलब्ध सुविधा ही पेयजल का साधन है. पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अनुसार उनके द्वारा शहर के आंशिक भाग में 3600 लीटर पेयजल उपलब्ध कराया जाता है, जबकि शहर में इसके कई गुणा पेयजल की आवश्यकता है. साहिबगंज शहरी क्षेत्र में यदि गंगा तट का इलाका छोड़ दिया जाये तो भूमिगत जल स्तर 70-80 फीट पर है. जबकि नगरपालिका के कार्यपालक पदाधिकारी रामनरेश सोनी के अनुसार तकरीबन 40-45 डिप बोरिंग नल काम कर रहे हैं.
वहीं पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद के अनुसार पीएचइडी शहरी क्षेत्र में काम नहीं करता है. ग्रामीण इलाका में उनके द्वारा कई योजना चलायी जा रही है. शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद द्वारा जब भी तकनीकी सहायता मांगी जाती है, तो हम उन्हें सहायता देकर उसके एवज में भुगतान लिया जाता है. हालांकि न तो पीएचइडी और न ही नगरपालिका के पास कोई रिकार्ड है. शहर को कितने पेयजल की आवश्यकता है और कितना आपूर्ति की जा रही है. एक सर्वे के अनुसार शहर की सात से आठ फीसदी आबादी रेलवे पर निर्भर करती है. शहर में संचालित आठ वाटर प्लांट द्वारा प्रतिदिन 24 से 25 हजार लीटर पेयजल की आपूर्ति की जाती है. जिसके लिये आम लोगों पेयजल का भुगतान करना पड़ता है. वाटर प्लांट के संचालक अमर साह बताते है कि पिछले दिनों की अपेक्षा गरमी में पानी की डिमांड बढ़ जाती है. जैसे-जैसे गरमी बढ़ती जायेगी, पानी की मांग भी बढ़ता जाती है. बहरहाल हम कह सकते हैं कि जितना शहरी इलाकों में पेयजल की मांग है. उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है.

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