VIDEO : 11 लोगों की जान लेनेवाले बिहार से आये बिगड़ैल हाथी को झारखंड में मारी गोली

साहेबगंज : साहेबगंज जिले में पिछले 4महीने से उत्पात मचा रहे जंगली हाथी को देश के जाने-माने हंटर नवाब शहफत अली खान ने शुक्रवार की शाम 5:45 बजे तालझारी प्रखंड के करणपुरा पंचायत के घने जंगल में मार गिराया. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक दुमका सत्यजीत सिंह ने हाथी के मारे जाने की पुष्टि शनिवार को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 12, 2017 5:50 PM

साहेबगंज : साहेबगंज जिले में पिछले 4महीने से उत्पात मचा रहे जंगली हाथी को देश के जाने-माने हंटर नवाब शहफत अली खान ने शुक्रवार की शाम 5:45 बजे तालझारी प्रखंड के करणपुरा पंचायत के घने जंगल में मार गिराया. क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक दुमका सत्यजीत सिंह ने हाथी के मारे जाने की पुष्टि शनिवार को दोपहर 1:00 बजे की. वन विभागने पहाड़ पर ही हाथी का पोस्टमार्टम करा कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

अभियान में हंटर नवाब, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक दुमका सत्यजीत सिंह, वन संरक्षक दुमका एनके सिंह, भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान रांची के पशु चिकित्सक डॉक्टर अजय कुमार, साहिबगंज वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी के अलावा पश्चिम बंगाल के बांकुरा एवं बिहार के हाथी भगाओ दस्ता के सदस्य व संथाल परगना प्रमंडल के सभी जिलों के पदाधिकारी एवं वनकर्मी शामिल थे.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि हाथी ने इससे पहले साहेबगंज में 11 लोगों को मार डाला था. वन विभाग ने हाथी को मारने का आदेश पहले ही जारी कर दिया था. वन विभाग ने तीन दिनतक हाथी को पकड़ने का प्रयास किया,लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए. अंतत: हंटर नवाब ने हाथी को गोली मार दी.

इसेभीपढ़ें: LIVE : अड़ गये दो बैल, तो दुम दबा कर भागा हाथी

राज्य के मुख्य वन्य प्रतिपालक लाल रत्नाकर सिंह ने हाथी को मारने का आदेश जारी किया था. श्री सिंह ने बताया कि साहेबगंज के जिस इलाके में हाथी था, उसकी भौगोलिक स्थिति काफी मुश्किल थी. हाथी को देख पाना भी मुश्किल हो रहा था. ऐसे में हाथी को ट्रैंकुलाइज करना ज्यादा मुश्किल था. इसको भगाने से लिए बांकुड़ा की टीम बुलायी गयी, लेकिन हाथी उन लोगों से भी नहीं डरा. आग और पटाखा से भी उसे नहीं भगाया जा सका. ऐसे में लोगों की जान बचाने के लिए इसको मारना ही अंतिम विकल्प था.

बतायाजाताहैकि22अप्रैलसेलेकरमारेजानेकेपहलेतकइसहाथीनेपहाड़ियाजनजातिके11लोगोंकोमारडाला. तीन लोगउसकेहमले में घायल हुए. ज्ञात हो कि झारखंड में सरकार की अनुमति से वर्ष 2008 में भी एक हाथी को मारा गया था. इसके बाद राज्य सरकार ने किसी जानवर को मारने की अनुमति नहीं दी. उधर, बिहार सरकार पिछले तीन-चार वर्षों में तीन हाथियों को मरवा चुकी है.

इसेभीपढ़ें: बरबादी: घाघरा के कई गांवों में हाथी का उत्पात, दहशत में हैं गांव के लोग, पांच घर ढाहे, फसल भी रौंद डाली

उधर, ऑपरेशन को अंजाम देनेवाले हंटर नवाब ने कहा कि उन्होंने अब तक 25 ऑपरेशन किये हैं. यह अब तक का सबके कठिन ऑपरेशन था. दो बार तो हाथी ने उन लोगोंपर भी हमला कर दिया. रात में वह गांव में आ जाता था. दिन में जंगलों में चला जाता था.

Next Article

Exit mobile version