Jharkhand News : झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के किस बयान से नाराज हैं सरकारी स्कूलों के टीचर्स

झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बयान दिया था कि निजी स्कूल कोरोना काल में भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रति गंभीर हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में कोई उत्सुकता नजर नहीं आती. अगर प्राइवेट स्कूल नहीं होते तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में झारखंड राज्य काफी पिछड़ गया होता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2021 12:32 PM

Jharkhand News, रांची न्यूज (राजेश वर्मा) : झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर दिए गए बयान के विरोध में झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के निर्देश पर सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने आज सोमवार को काला बिल्ला लगाकर शैक्षणिक कार्य किया. रांची जिले के नामकुम इलाके में भी शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर बच्चों को पढ़ाया. आपको बता दें कि पिछले दिनों मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि निजी स्कूल कोरोना काल में भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रति गंभीर हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में कोई उत्सुकता नजर नहीं आती. अगर प्राइवेट स्कूल नहीं होते तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में झारखंड राज्य काफी पिछड़ गया होता.

रांची जिले के नामकुम क्षेत्र के हंसराज वाधवा, प्रोजेक्ट स्कूल, कस्तूरबा विद्यालय खरसीदाग, मध्य विद्यालय डुणडीगढ़ा सहित सभी स्कूलों में शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर बच्चों को पढ़ाया. संघ के सदस्यों ने सामूहिक रूप से वित्त मंत्री के बयान की निंदा की. शिक्षकों ने कहा कि झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान की जितनी निन्दा की जाए, वो कम है. संघ ने वित्त मंत्री से दिए गए बयान को वापस लेने एवं बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है.

Also Read: Jharkhand News : कोरोना की दूसरी लहर में इलाज में लापरवाही व जबरन पैसे वसूलने का आरोपी डॉ रक्षित आनंद अरेस्ट
Jharkhand news : झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के किस बयान से नाराज हैं सरकारी स्कूलों के टीचर्स 2

आपको बता दें कि प्राइवेट स्कूल एवं चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन एवं एनएसएस रांची विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि निजी स्कूल कोरोना काल में भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के प्रति गंभीर हैं, जबकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में कोई उत्सुकता नजर नहीं आती. अगर प्राइवेट स्कूल नहीं होते तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में झारखंड राज्य काफी पिछड़ गया होता.

Also Read: झारखंड के इन बीहड़ों में पन्ना रत्न का है भंडार, सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर हो रहा सर्वे

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version