पति की हत्या में पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

ओरमांझी थाना क्षेत्र के डहू में हुई घटना

By Prabhat Khabar | April 28, 2024 11:27 PM

रांची़ ओरमांझी थाना क्षेत्र के डहू निवासी अशेश्वर महतो हत्याकांड में पुलिस ने पत्नी सहित तीन लोगों को 28 अप्रैल को गिरफ्तार किया है. इनमें सीता देवी (38 वर्ष), उसका प्रेमी मतातु निवासी सनोज कुमार महतो (35 वर्ष) व अनगड़ा थाना क्षेत्र के गेतलसूद जेराटोली निवासी प्रेमनाथ महतो (45 वर्ष) शामिल हैं. प्रेमनाथ महतो सनोज का बहनोई है. आरोपियों द्वारा हत्या में इस्तेमाल टांगी, एक गुलाबी रंग की साड़ी, एक हथौड़ा, खून से सना जूट का बोरा, शव को टांगने में इस्तेमाल बांस का डंडा और मृतक का हवाई चप्पल बरामद किया गया है. रविवार को प्रेस वार्ता में उक्त जानकारी एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि पति की हत्या के बाद ओरमांझी थाना में पत्नी ने 22 अप्रैल को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. जब ओरमांझी पुलिस की टीम ने मामले की जांच की, तब चौंकाने वाला खुलासा हुआ. गिरफ्तार तीनों आरोपी ने अपना जुर्म पुलिस के समक्ष कबूल लिया है. उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2024 को आरोपी सनोज महतो के खेत में ही दिन के 11 बजे मृतक की पत्नी सीता देवी व पुरुष मित्र ने मिलकर टांगी व हथौड़ा से मारकर हत्या कर दी. इसके बाद घटनास्थल पर बिखरे खून का साक्ष्य मिटाने के लिए जूट के बोरा से पोछ कर उसे पत्ता और प्लास्टिक से छिपा दिया गया. इसके बाद शव को कमरे में छिपाकर रखा और बाहर से ताला लगा दिया. सीता देवी और सनोज महतो दिनभर शव की निगरानी करते रहे. फिर रात को 12 से एक बजे के बीच सनोज महतो और उसके बहनोई प्रेमनाथ महतो ने सीता देवी की साड़ी से शव का पैर और सिर बांधकर बांस के बल्ले से टांग कर शव को सपही नदी के श्मशान घाट के पास फेंक दिया. इसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गये. इस कांड के खुलासे में ओरमांझी थाना प्रभारी आलोक सिंह, एसआइ सतीश कुमार, चंद्रदेव सिंह और आरक्षी अनुराग श्रीवास्तव और जितेंद्र कुमार सहित अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. आपत्तिजनक स्थिति में देखने पर सीता ने पति के सिर पर टांगी से और सनोज ने हथौड़ा से किया वार : पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि सनोज महतो ने डहू में सात एकड़ जमीन में तरबूज की फसल लगायी थी. इसकी देखभाल सीता देवी करती थी. 22 अप्रैल को तरबूज के खेत में सीता का पति अशेश्वर महतो पहुंचा. उसने तरबूज के खेत में ही बनाये गये कमरे में सनोज और सीता को आपत्तिजनक हालत में देख लिया और शोर करने लगा. यह देख सीता ने पास में रखे टांगी से अशेश्वर के सिर पर वार कर दिया. खून तेजी से बहने लगा. उसकी स्थिति बिगड़ने लगी. यह देख सनोज ने हथौड़ा से अशेश्वर पर कई वार कर दिये, जिससे अशेश्वर की मौत हो गयी. इसके बाद शव को कमरे में ही बंद कर दोनों ने रात भर निगरानी की. फिर शाम में सनोज अनगड़ा के गेतलसूद पहुंचा. यहां उसने अपने बहनोई प्रेमनाथ महतो को यह कहते हुए गाड़ी से लाया कि आज घर पर पार्टी है, चलिए. प्रेमनाथ उसके साथ आ गया. फिर दोनों तरबूज के खेत में पहुंचे. तब सनोज ने बताया कि एक महिला की इज्जत बचानी है, इसलिए उसके पति के शव को ठिकाना लगाना है. इसमें प्रेमनाथ ने उसका सहयोग किया था.

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