JSSPS में घोटाला : मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रखरखाव एवं संचालन में गड़बड़ी, दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा

रांची के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रखरखाव एवं संचालन में भारी वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी है. वित्त अंकेक्षण विभाग की ऑडिट टीम ने लाखों रुपये के सामान कम पाये, वहीं कांप्लेक्स में चल-अचल संपत्ति और खेल सामग्री की सूची तक उपलब्ध नहीं है.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 24, 2023 11:17 AM

कोडरमा, विकास : झारखंड की राजधानी रांची स्थित खेलगांव के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के रखरखाव एवं संचालन में भारी वित्तीय गड़बड़ी पायी गयी है. वित्त अंकेक्षण विभाग की ऑडिट टीम ने वर्ष 2018-19 से 2021-22 के बीच के रिकॉर्ड की जांच में उक्त गड़बड़ी पकड़ी. जांच में लाखों रुपये के सामान कम पाये गये हैं. झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रोमोशन सोसायटी (जेएसएसपीएस) के तहत चल रहे कांप्लेक्स में चल-अचल संपत्ति और खेल सामग्री की सूची तक उपलब्ध नहीं है. जांच में करीब तीन लाख रुपये के सामान कम मिले. ऐसे में संबंधित दोषी व्यक्ति के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. जांच में पाया गया है कि 31 मार्च 22 को विभिन्न कोच, वार्डेन, एलएमसी स्पोर्ट्स व कर्मचारियों के पास अग्रिम राशि 13 लाख 67 हजार 842 रुपये है. यह अग्रिम राशि वर्ष 17-18 से 21-22 की अवधि में भुगतान किया गया था, लेकिन उक्त राशि अभी तक असमायोजित पायी गयी.

दो वर्षों से नये कैडेटों का चयन नहीं, घट गये पदक

जांच में यह बात सामने आयी है कि वर्ष 2017 से 2020 तक 10 खेल एकेडमी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 845 पदक जीते हैं, पर वर्ष 2021-22 में पदकों की संख्या घटकर 281 हो गयी. इनमें 152 स्वर्ण, 71 रजत और 58 कांस्य पदक शामिल है. वर्तमान में 10 खेल एकेडमी में 209 बालिका व 239 बालक कुल 448 कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहे हैं. सबसे खराब स्थिति साइकिलिंग, आर्चरी, फुटबॉल और ताईक्वांडो की है. इसमें राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदकों की संख्या काफी कम है़ पिछले दो वर्षों में नये कैडेटों का चयन भी नहीं किया गया है. 2015 में हुए एमओयू के अनुसार सोसायटी के विभिन्न खेल एकेडमी के लिए राज्य भर से न्यूनतम 700 स्पोर्टस कैडेटस का चयन करना था, पर वर्ष-16-17 से अभी तक मात्र 448 विद्यार्थियों का चयन किया गया है.

गलत पूंजी तैयार कर बैलेंस शीट में दिखाया

चार वर्ष की अवधि में बैलेंस शीट के ए-सेट साइड में 31 मार्च 22 तक जीएसटी इनपुट के रूप में 7,04,91,376.90 दिखाया गया है. यह जीएसटी इनपुट राशि किसी से प्राप्त नहीं है. टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि बैलेंस शीट में गलत कोष तैयार कर जान बूझकर सरकार और उच्चाधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया गया है. हमने दोषी व्यक्तियों एवं आर्थिक पत्र तैयार करने एवं उस पर हस्ताक्षर करनेवाले सीए फर्म के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की है.

Also Read: झारखंड में भी लिथियम की संभावना, माइका बेल्ट में खोज शुरू, जानें कहां होता इसका उपयोग

ये गड़बड़ियां भी हुईं

मेसर्स कोलवेन कंस्ट्रक्शन को रिपेयर व मेंटेनेंस सेनिटरी एंड वाटर सप्लाई कार्य को लेकर 12 माह के लिए 2018-19 में कार्य दिया गया. ठेकेदार ने उक्त कार्य निर्धारित समय के बाद काफी विलंब से पूर्ण किया, पर विपत्रों से लिक्विडेटेड डैमेज की राशि 6 लाख 61 हजार 772 रुपये की कटौती नहीं की गई. कटौती से बचाने के लिए क्लेम अवधि को काल्पनिक मापी के आधार पर कार्य पूर्ण को आधार माना गया, जो गलत है. इसी तरह मेसर्स रसोई कैंटीन को कैटरिंग कार्य के लिए नियम विरुद्व तीन लाख 78 हजार 216 रुपये अधिक भुगतान किया गया है. झारखंड एथलेटिक एसोसिएशन के लिए 14 से 26 मार्च 2019 तक के लिए पांच कमरे एवं एक डोरमेट्री बुक किये गये थे. इसका किराया दो लाख चार हजार 80 रुपये दर्शाया गया है, पर इसका भुगतान एसोसिएशन द्वारा अभी तक नहीं किया गया है. इसकी वसूली को लेकर भी कोई प्रयास नहीं किया गया है. वर्ष 2020 में स्पोर्टस कैडेट एकेडमी होस्टल में मेस संचालन के लिए ई टेंडर निकाला गया. टेंडर में एल वन व एल टू घोषित फर्मों के वार्षिक टर्नओवर में गलत जानकारी देने की बात सामने आने पर टेंडर प्रक्रिया रद्द कर दी गयी. बाद में मेसर्स डिस विस रांची व मेसर्स होटल रॉयल रांची को अग्रधन की राशि एक-एक लाख वापस किये गये, जबकि ऐसा नहीं किया जाना था.

Next Article

Exit mobile version