रांची के इस पार्क से मिल रही रोजगार की गारंटी, 20.5 एकड़ में फैली हैं मनरेगा की 37 से ज्यादा योजनाएं

आपने फ्लावर पार्क या फूड पार्क के बारे में जरूर सुना और देखा होगा, लेकिन बात अगर मनरेगा पार्क की करें, तो शायद आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे. जी हां, रांची में एक ऐसा ही पार्क है, जहां से रोजगार गारंटी की जनकारी ली जा सकती है. इस पार्क में मनरेगा की 37 से योजनाओं की जानकारी दी गयी है.

By Rahul Kumar | December 1, 2022 3:57 PM

MANREGA NEWS: आपने फ्लावर पार्क या फूड पार्क के बारे में जरूर सुना और देखा होगा, लेकिन बात अगर मनरेगा पार्क की करें, तो शायद आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे. एक ऐसा पार्क जहां लोगों के रोजगार का सृजन हो रहा है. इस पार्क में सरकार की योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं, जो ग्रामीणों के वर्तमान से लेकर भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाएगी. सरकार की इच्छाशक्ति और ग्रामीणों की मदद से मनरेगा की 37 से ज्यादा योजनाएं आपको इस पार्क में दिख जाएंगी. सिंचाई कूप, दीदी बाड़ी, वर्मी कम्पोस्ट, टीसीबी, शेड सहित मनरेगा से संचालित अन्य योजनाएं यहां धरातल पर उतर चुकी हैं.

स्थायी परिसंपत्तियों का भी हो रहा निर्माण

हम बात कर रहे हैं रांची के कांके प्रखण्ड स्थित उपरकोनकी गांव में बने मनरेगा पार्क की. यहां मनरेगा की 37 से ज्यादा योजनाएं धरातल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराती दिख रही हैं. मनरेगा पार्क का निर्माण 19 परिवारों को मिला कर 20.5 एकड़ भूमि पर किया गया है. ग्राम उपरकोनकी के ग्रामीणों को यहां महीने में कम से कम 20 दिन रोजगार की गांरटी है. 20.5 एकड़ में यह पार्क न सिर्फ ग्राम विशेष में स्थायी परिसंपत्ति का सृजन करेगा, बल्कि संबंधित प्रखंड में रोजगार मांगने वाले श्रमिकों को रोजगार की गारंटी भी सुनिश्चित करेगा.

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ग्राम स्वराज का सशक्त मॉडल होगा मनरेगा पार्क

मनरेगा पार्क योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का मॉडल है. यह ग्राम स्वराज का भी सशक्त मॉडल है. मनरेगा अन्तर्गत विभिन्न परिसंपत्तियों का समेकित निर्माण कर उन्हें एक स्थल पर प्रदर्शित करने के लिए मनरेगा पार्क का निर्माण कांके प्रखण्ड के ग्राम उपरकोनकी में किया गया है. मनरेगा पार्क में कम से कम 37 प्रकार की परिसम्पत्तियों को एक ही क्षेत्र में देखा जा सकता है. पार्क का निर्माण होने से परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग एवं उचित प्रबंधन किया जा सकेगा. साथ ही सालों भर उस स्थान पर रोजगार का सृजन हो सकेगा एवं लाभुकों को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा.

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