झारखंड: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों पर कार्रवाई के लिए जनहित याचिका, सरकार पर संरक्षण देने का आरोप

रिटायर्ड आईपीएस ने जनहित याचिका दायर कर झारखंड सरकार पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. इसी के साथ उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों पर सरकार के स्तर से कार्रवाई की मांग की है.

By Prabhat Khabar | December 24, 2023 9:33 AM

Jharkhand News: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ सरकार के स्तर से कार्रवाई की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी है. सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी ने जनहित याचिका में सरकार पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस महानिदेशक (एसीबी) को प्रतिवादी बनाया है. जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय ने इंजीनियर बीरेंद्र राम के मामले की जांच में मिले तथ्यों को पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत सूचनाएं सााझा की. इसमें बीरेंद्र राम द्वारा कमीशनखोरी सहित अन्य बातों को उल्लेख है. ईडी द्वारा साझा की गयी सूचनाओं के आलोक में राज्य सरकार ने अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है. जबकि इस सूचना के आधार पर सरकार अपने स्तर से संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कानूनी तैर पर बाध्य है.

ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत सूचनाएं साझा की है. इसमें 36 फर्जी डीड के सहारे जमीन की खरीद बिक्री का उल्लेख किया गया है. निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान मिले तथ्यों के तहत जब्त की गयी संपत्ति का ब्योरा और जब्त करने के कारणों का उल्लेख करते हुए भी सूचनाएं साझा की है. अवैध खनन के मामले में पंकज मिश्रा की भूमिका से संबंधित रिपोर्ट भी राज्य सरकार के साथ साझा की गयी है. हालांकि सरकार के स्तर से किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है.

ईडी ने अवैध खनन से जुड़े मामलों में डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा जांच अधिकारी को धमकाने से संबंधित सूचनाएं भी सरकार को दी है. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद प्रेम प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. इस मामले में इडी द्वारा शपथ दायर कर सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गयी है कि प्रेम प्रकाश के घर से दो सके-47 राइफल और 60 गोलियां मिली थी. इस तरह के गंभीर मामलों में भी सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जनहित याचिका में आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के सिलसिले में इडी द्वारा साझा की गयी सूचनाओं में एक फाइल यानी 50 लाख और एक फोल्डर यानी एक करोड़ रुपये जैसे कोर्ड वर्ड के इस्तेमाल का उल्लेख किया गया है. लेकिन किसी भी मामले में सरकार के स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. याचिका में इडी द्वारा साझा की गयी सूचनाओं के आलोक में कार्रवाई करने के लिए उचित आदेश देने का अनुरोध किया गया है.

Also Read: होटवार जेल अधीक्षक व जेलर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कार्रवाई संभव, आमदनी और खर्चा में मिला बड़ा अंतर

Next Article

Exit mobile version